लाइव हिंदुस्तान समाचार दुर्भाग्य से सदियों पुरानी छुआ-छूत की समस्या आज भी मौजूद है। तमिलनाडु के पिछड़े इलाकों में इसकी मजबूत जड़ें आज भी नहीं उखड़ी