नौकरी के नाम पर एक लाख रुपए घूंस मांगने का ऑडियो वायरल
रीवा ब्यूरो
जिले के चाकघाट नगर परिषद में सीएमओ द्वारा एक व्यक्ति से नौकरी देने के नाम पर एक लाख रुपए घूंस मांगने का आॅडियो वायरल हुआ है। वायरल हुए आॅडियो के बाद पार्षद ने प्रभारी मंत्री लखन घनघोरिया को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि चाकघाट नगर परिषद में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी बालगोविंद चतुर्वेदी एवं एक कथित व्यक्ति के बीच हुई बातचीत के बाद सीएमओ द्वारा एक लाख रुपए मांगे जाने का मामला प्रकाश में आया है।
फोन पर हुई बातचीत में उक्त व्यक्ति अपना नाम रवि बता रहा था। जबकि सीएमओ ने उससे एक लाख रुपए से कम की रकम न लेने की बात की जा रही थी। वायरल किए गए आॅडियो में रवि नामक व्यक्ति सीएमओ से यह कह रहा है कि वह व्यक्ति बहुत गरीब है एक लाख रुपए बहुत होते हैं। पचास हजार रुपए ले लीजिए परन्तु वह कई जगह पैसे दिए जाने की बात करते हुए एक लाख रुपए कम में काम नहीं होगा की बात कर रहे हैं। इस आॅडियो किए गए वायरल के बाद नगर परिषद चाकघाट सहित जिले में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई है। वहीं सीएमओ बाल गोविंद चतुर्वेदी मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं।
जेडी को देना पड़ेगा पचास हजार
नगर परिषद चाकघाट के सीएमओ एक अन्य व्यक्ति के बीच हुई मोबाइल पर बातचीत के वायरल आॅडियो में सीएमओ द्वारा स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि एक लाख रुपए में से पचास हजार रुपए जेडी को देना पड़ेगा। तथा दस हजार रुपए प्रस्ताव पारित कराने के समय देना होगा। ऐसे में एक लाख रुपए से कम में नौकरी नहीं दी जा सकती। आॅडियो को सुनने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि सीएमओ को उक्त व्यक्ति द्वारा पचास हजार रुपए दिये जा चुके हैं।
जबकि पचास हजार रुपए अभी देना बाकी है। सीएमओ बाल गोविंद चतुर्वेदी ने उक्त व्यक्ति को स्पष्ट कहा है कि यह नौकरी कोई छोटी नौकरी नहीं है 40 हजार रुपए का वेतन मिलेंगे। ऐसे में एक लाख रुपए तुम्हें देने में क्या आपत्ति है। हालांकि वायरल हुए इस आॅडियो की पुष्टि स्टार समाचार नहीं करता है परन्तु इस मामले में चाकघाट नगर परिषद के पार्षदों ने प्रभारी मंत्री से शिकायत कर मामले की जांच एवं कार्रवाई करने को कहा गया है।
पहले भी इस तरह के हो चुके मामले
नगर परिषद चाकघाट में किए गए फर्जीवाड़े का अंदाजा वायरल किए गए आॅडियो से लगाया जा सकता है। आॅडियो में सीएमओ को यह कहते हुए सुना गया कि इसके पहले जो नौकरी दी गई थी वह एक लाख रुपए से कहीं ज्यादा थी। यह तो मैं उसकी स्थिति को देखते हुए कर रहा हूं।
चौकाने वाली बात यह है कि नगर परिषद के सीएमओ, ज्वाइन डायरेक्टर से लेकर वार्ड के विकास के लिए चुने गए जनप्रतिनिधि (पार्षद) भी इस मामले में सम्मिलित बताये गये हैं। वायरल आॅडियो में सीएमओ ने परिषद के सभी पार्षदों को उक्त एक लाख रुपए की राशि से दो-दो हजार रुपए की बात कही गई है। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि फर्जीवाड़े में अधिकारियों के अलावा पार्षदों की भूमिका संदिग्ध है।
अभिषेक उपाध्याय @जौनपुर
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