CBI निदेशक की नियुक्ति में मापदंडों को किया गया नजरअंदाज : IPS रीना
भोपाल ब्यूरो
सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति के बाद भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे है। सवाल उठाने वालों में पूर्व स्पेशल डीजी और मध्यप्रदेश कैडर की आईपीएस रीना मित्रा का नाम जुड़ गया है। उन्होंने नए सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए है। रीना मित्रा के मुताबिक वह सभी निर्धारित मापदंडों को पूरा करती हैं। वह एंटी करप्शन में अनुभव और सीबीआई के मापदंडों पर खरी उतरती है। फिर भी उन्हें नजरअंदाज किया गया।
बता दें कि रीना मित्रा वरिष्ठता के मामले में सबसे ऊपर थी और 31 जनवरी को वह रिटायर हुई है। एक फरवरी को केंद्र सरकार ने प्रदेश के पूर्व डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला की सीबीआई डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति की थी।
रीना ने सवाल उठाते हुए कहा कि एक दिन में कैसे सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति हो गई? नियुक्ति का मापदंड निर्धारित हैं और मैं इन पर खरी उतरती हूं। गौरतलब है कि सीबीआई डायरेक्टर के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने जो नाम तय किए थे, उनमें रीना मित्रा का भी नाम था। नए डायरेक्टर पर नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने एक आर्टिकल भी लिखा है जिसके बाद नया विवाद छिड़ सकता है।
इससे पहले चयन समिति के सदस्य और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सवाल उठाते हुए एक पत्र लिखा था। कौन है ऋषि कुमार शुक्ला
मूलत रूप से ग्वालियर के रहने वाले शुक्ला ने अपने कैरियर में 11 साल से ज्यादा समय प्रदेश और केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसियों में सेवा दी है। 1983 बैच के आईपीएस शुक्ला दो बार इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) में रहे थे। इस दौरान उन्होंने मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ काम किया, जो 2005 में आईबी के निदेशक बनाए गए थे।
सूत्रों के मुताबिक निदेशक पद पर नियुक्ति में डोभाल कनेक्शन की भूमिका महत्वपूर्ण बताई जा रही है। शुक्ला मध्यप्रदेश इंटेलीजेंस के एडीजी रहे। इसके अलावा कुछ वर्ष वह मप्र आर्थिक अपराध शाखा में आईजी रहे, जहां भ्रष्टाचार संबंधी मामलों की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अभिषेक उपाध्याय @जौनपुर
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