पवन कुमार द्विवेदी @ गोण्डा
लाल बहादुर शास्त्री जी द्वितीय नही, अद्वितीय प्रधानमंत्री थे, वो राष्ट्रीय स्वाभिमान की रक्षा करने वाले थे। उक्त बातें बतौर मुख्यअतिथि सेवानिवृत आईजी डॉ अजीत कुमार सिंह ने लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में आयोजित शास्त्री समारोह के उदघाटन के दौरान कही। डॉ सिंह ने अपने कहा कि शाहजहाँ अपने अंतिम दिनों में किस दयनीय स्थिति में जिया ये कम लोग ही जानते है। लेकिन ताजमहल का नाम आते ही सभी लोग ये जरूर कहते है कि ये शाहजहां ने बनवाया। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने व्यक्तित्व व कृत्य का निर्माण करें। क्योकि व्यक्ति तो समाप्त होते हैं। परन्तु व्यक्तित्व नही।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में मौजूद देवीपाटन मंडल के डीआईजी डॉ राकेश कुमार सिंह ने कहा कि आजकल की पीढ़ी के भीतर अध्ययन के प्रति रुझान से, समाज को एक नई दिशा व दशा मिलना तय है। जो समूचे राष्ट्र के लिए एक अच्छा संदेश है।
महाविद्यालय प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद सत्यदेव सिंह ने कहा कि राष्ट्रीयता की बात करना तो अपराध होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के भौगोलिक निर्माता सरदार वल्लभ भाई पटेल है, अगर पटेल जी न होते तो हैदराबाद व जूनागढ़ भारत के भूगोल के बाहर होते।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एच पी श्रीवास्तव ने शास्त्री समारोह के महत्व को बताते हुए कहा कि एक महापुरुष के व्यक्तित्व व चरित्र के संचार का माध्यम ही यह समारोह है, जिसमे प्रतिभाग करके छात्र-छात्राओं के आचरण का निर्माण होता है। समारोह समिति के संयोजक डॉ अतुल कुमार सिंह ने समारोह के विभिन्न प्रतियोगिताओं व क्रियाकलापो को विस्तृत रूप से बताया। महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव उमेश शाह ने कार्यक्रम आयोजन के लिए पूरे महाविद्यालय परिवार को बधाई दी।
समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित के बाद माँ सरस्वती व लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया। जिसमें महाविद्यालय की एनएसएस की छात्राओं ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मंशाराम वर्मा ने किया।
इस दौरान प्रबंधतंत्र के सदस्य डॉ सुधीर श्रीवास्तव, पंकज अग्रवाल, अशोक बंसल, पूर्व प्राचार्य डॉ डीके गुप्ता, सेवानिवृत शिक्षकों में डॉ संतशरण त्रिपाठी डॉ त्रिलोचन सिंह, डॉ ए पी तिवारी, डॉ ओंकार पाठक, डॉ एमपी सिंह, डॉ, बीसीएचएनके श्रीनिवास राव, डॉ आरबीएस बघेल, डॉ श्याम बहादुर सिंह, डॉ रंजन शर्मा, डॉ राम समुझ सिंह, डॉ रेखा शर्मा, डॉ आर एस पांडेय, डॉ ओंकार पाठक, डॉ लोहांश कल्याणी, डॉ शैलेन्द्र नाथ मिश्र, डॉ जय शंकर तिवारी, पवन कुमार सिंह, डॉ मुकुल सिन्हा, डॉ श्रवण श्रीवास्तव, डॉ बीपी सिंह, डॉ केएन पांडेय, डॉ राजीव अग्रवाल,डॉ विजय अग्रवाल, डॉ वंदना सारश्वत, डॉ शशिबाला, डॉ ममता शुक्ला, डॉ संदीप श्रीवास्तव, डॉ ऋषिकेश सिंह, डॉ शरद चंद्र मिश्र, डॉ गोरे लाल प्रजापति, डॉ शिव शरण शुक्ल,डॉ रामिन्त पटेल, डॉ संजय शुक्ल, डॉ संजय पांडेय, अर्जुन वर्मा, राम भवन सिंह, शरद कुमार पाठक, राज कुमार माथुर, छेदी लाल चौबे, हरि राम, गंगादीन सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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