रूस से परमाणु संचालित पनडुब्बी लेने जा रहा है भारत,3 अरब डॉलर में सौदा
नई दिल्ली ब्यूरो
भारत ने गुरुवार को 10 साल के लिए परमाणु क्षमता से संपन्न हमलावर पनडुब्बी पट्टे पर लेने के लिए रूस के साथ तीन अरब डॉलर का समझौता किया। बताया जा रहा है कि इससे भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। सैन्य सूत्रों ने यह जानकारी दी।
दोनों देशों ने कई महीनों तक कीमतों और समझौते के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत करने के बाद इस अंतर-सरकारी समझौते पर सात मार्च को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता से जब इस समझौते के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
रूस और भारत सरकार दोनों ने ही इस डील के इसी हफ्ते में होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि इस समझौते के तहत रूस अकुला वर्ग के पनडुब्बी को भारतीय नौसेना को 2025 तक सौंपेगा। उन्होंने बताया कि अकुला वर्ग की पनडुब्बी को चक्र III नाम दिया गया है।
यह भारतीय नौसेना को पट्टे पर दी जाने वाली तीसरी रूसी पनडुब्बी होगी। पहली रूसी परमाणु संचालित पनडुब्बी आईएनएस चक्र को तीन वर्ष की लीज पर 1988 में लिया गया था। दूसरी आईएनएस चक्र को लीज पर दस वर्षों की अवधि के लिए 2012 में हासिल किया गया था। इसे ईस्टर्न नेवल कमांड के तहत तैनात किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि चक्र II की लीज 2022 में समाप्त होगी और भारत इस पनडुब्बी के लीज की समय सीमा को पांच साल आगे बढ़ाने के लिए रूस से बात-चीत कर रहा है। बताते चलें कि पिछले साल भारत ने रूस के एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एस-400 बैच को खरीदने के लिए लाखों डॉलर में डील की है।
नई दिल्ली ब्यूरो
चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की 2020 की पहली छमाही में सूरज के परिमंडल के अध्ययन के लिए सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को अंजाम देने की योजना है।
आदित्य