किसान आंदोलन : कुंडली बॉर्डर पर ही मनेगा किसानों का नया साल
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कुंडली बॉर्डर पर किसानों का धरना अभी जारी रहेगा। सरकार से बातचीत के बाद उम्मीद थी कि किसान नया साल अपने घरों में मनाएंगे लेकिन बातचीत पूरी तरह सफल नहीं हो सकी। हालांकि बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा है और दो कानूनों को सरकार ने रद्द करने का भरोसा दिया है। इसे उम्मीद के रूप में देखते हुए किसानों ने भी कदम आगे बढ़ाया है।
किसानों की तरफ से 31 दिसंबर को होने वाली ट्रैक्टर रैली स्थगित कर दी गई है। बैठक में जिस तरह के निर्णय हुए हैं इसकी जानकारी गुरुवार को धरनास्थल पर मौजूद किसानों को दी जाएगी। वहीं किसान नेताओं ने यह भी साफ कर दिया है कि जब तक सरकार के साथ बातचीत में पूरी स्थिति साफ नहीं होगी, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होने वाला है।
किसान कुंडली बॉर्डर पर लगातार डटे हुए है। किसान नेताओं का कहना है कि उन्हें पहले ही पता था कि सरकार इतनी जल्दी किसानों की मांगों को नहीं मानेगी। पर जिस तरह से बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा है, इस पर किसान भी अच्छे से बातचीत को तैयार हैं।
कुंडली धरने पर भाकियू अंबावता के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर सिंह दहिया ने बताया कि बिजली संशोधन बिल 2020 और पराली को लेकर किसानों की मांग सरकार ने मानने की बात कही है। हालांकि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और तीन कानूनों को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका है। इसके लिए चार जनवरी को फिर से बातचीत होगी। किसानों ने इसे सकारात्मक रुख मानते हुए ट्रैक्टर रैली स्थगित कर दी है। उन्होंने कहा कि एमएसपी और तीन कानूनों को लेकर किसान अडिग हैं और अगली बातचीत यहीं से शुरू होगी।
सरकार ने किसानों की दो मांगों पर सहमति जताई है। अब एमएसपी व तीन कृषि कानून को लेकर चार जनवरी को दोबारा बातचीत होगी। बुधवार को बातचीत अच्छे माहौल में हुई है। उम्मीद है जल्द हल निकल सकेगा। यह जरूर है कि जब तक सरकार से बातचीत में पूरी स्थिति साफ नहीं होगी, उस समय तक आंदोलन भी खत्म नहीं होगा। आंदोलन इस तरह ही चलता रहेगा। क्योंकि किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। बलविंद्र सिंह, अध्यक्ष सांझा किसान संघर्ष कमेटी पंजाब
अभी सरकार से बातचीत का माहौल दोबारा बना है। कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है। अब चार जनवरी को दोबारा बातचीत होगी। तब अन्य बिंदुओं पर बातचीत होगी। तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। किसानों व सरकार के बीच बातचीत का सिलसिला थम गया था, जिससे गतिरोध भी काफी बढ़ा था। अब सरकार का रुख किसानों को लेकर अच्छा होगा तो किसान भी कड़े कदम नहीं उठाएंगे।
- दर्शनपाल, सदस्य, संयुक्त किसान मोर्चा
सरकार व किसानों के बीच दोबारा बातचीत शुरू हुई है। बेशक अभी बातचीत ज्यादा सफल नहीं हो सकी है लेकिन किसानों के साथ संवाद शुरू होने से हल निकलने की तरफ कदम बढ़े हैं। अभी बातचीत के बारे में ज्यादा नहीं बताया जा सकता। आंदोलन जारी रहेगा। यह जरूर है कि सरकार को जल्द से जल्द किसानों की समस्या का समाधान करना चाहिए।
- कलवंत सिंह संधू, किसान नेता।
सरकार से ज्यादा उम्मीद नहीं है लेकिन किसान जब खुले मन से बातचीत कर रहे है तो सरकार को भी खुले मन से बातचीत करनी चाहिए। सरकार को किसानों की सभी चार मांगों को मानकर समस्या का समाधान करना चाहिए। जिससे किसान भी अपने घर जाए और सरकार की परेशानी भी खत्म हो।
- गुरनाम सिंह चढूनी, भाकियू हरियाणा।
कृषि कानूनों का विरोध : बद्दोवाल व खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों का आंदोलन जारी
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन खटकड़ व बद्दोवाल टोल पर बुधवार को भी जारी रहा। वहीं, खटकड़ टोल पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व हिसार लोकसभा से भाजपा सांसद की फोटो को उलटा लटका कर रोष प्रदर्शन किया गया। टोल पर किसानों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज लहराया गया और जय जवान-जय किसान के नारे लगाए। किसान नेता आजाद पालवां व सतबीर बरसोला ने कहा कि जो कृषि कानून केंद्र सरकार लेकर आई है उससे किसान खुश नहीं हैं। इसलिए केंद्र सरकार तुरंत प्रभाव से कानूनों को वापस ले लेना चाहिए।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली एनसीएल मैदान मे आयोजित विशाल आम सभा को संबोधित करते हुये कहा कि सिंगरौली मे 2024 तक हर गरीब को पक्के आवास उपलब्ध कराये जायेगे। सिंगरौली श
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