कमलनाथ की दो टूक :मध्य प्रदेश की राजनीति छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा
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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह केंद्र की राजनीति में लौटने के लिए आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश की सियासत से दूरी बना सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह कांग्रेस के केंद्रीय संगठन से मिली कोई भी जिम्मेदारी प्रदेश में ही रहकर निभाने में सक्षम हैं।
कांग्रेस के शीर्ष रणनीतिकारों और संकटमोचकों में शामिल रहे अहमद पटेल के निधन के बाद से लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस कमी को पूरा करने के लिए कमलनाथ को पार्टी के केंद्रीय संगठन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है
कमलनाथ फिलहाल मध्यप्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता की दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इन अटकलों को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर कमलनाथ ने रविवार को इंदौर में संवाददाताओं से कहा, "मैं पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं कि मैं मध्यप्रदेश छोड़कर कहीं भी जाने वाला नहीं हूं।" उन्होंने तुरंत यह भी कहा, "अगर मुझे अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की ओर से कोई भी जिम्मेदारी निभाने को कहा जाएगा, तो मैं यह जिम्मेदारी मध्यप्रदेश में रहकर भी निभा सकता हूं।" लंबे समय तक रहे केंद्रीय राजनीति में
गौरतलब है कि कमलनाथ लंबे समय तक दिल्ली में रहकर केंद्र की राजनीति कर चुके हैं। उन्हें नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों से चंद महीनों पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। इन चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद वह राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। सिंधिया की बगावत से गई सीएम की कुर्सी
ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार को मार्च 2020 में रुखसत होना पड़ा था। इसके तुरंत बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा मप्र की सत्ता में लौट आई थी।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिदिन एक पौधा लगाने के संकल्प में स्मार्ट पार्क में कचनार का पौधा रोपा।
कचनार सुंदर फूलों वाला वृक्ष है। कचनार के छोटे अथवा मध्यम ऊँचाई के वृक्ष पूरे भा