NIA की हिरासत में सचिन वाजे की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में कराया भर्ती
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मुंबई पुलिस के निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की सोमवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। वह एनआईए की हिरासत में हैं। सीने में दर्द होने के बाद वाजे को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वाजे को अंबानी के निवास एंटीलिया के बाहर मिली विस्पफोटक से भरी एसयूवी मिलने व उसके मालिक मनसुख हीरेन की मौत के मामले में एनआईए ने गिरफ्तार किया है।
वाजे को मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। निलंबित पुलिस अधिकारी के सीने का एक्स-रे कराया गया। ईसीजी व अन्य जांचों के अलावा अन्य परीक्षण भी जारी हैं। जल्द कुछ और गिरफ्तारी
मनसुख हीरेन की मौत के मामले की जांच कर रही एनआईए जल्द ही इस मामले में कुछ और लोगों को गिरफ्तार कर सकती है। इनोवा और स्कॉर्पियो के ड्राइवर का पता चल गया है। दोनों से पूछताछ जारी है। ये दोंनों सचिन वाजे के करीबी थी। एनआईए की टीम ने वाजे के ठाणे स्थित घर के सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिए हैं। इस कई अहम खुलासे हो सकते हैं। हाईकोर्ट में लगाई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका
इस बीच वाजे ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि उन्हें कुछ चुनिंदा नेताओं द्वारा बलि का बकरा बनाया जा रहा है। बता दें, एनआईए ने वाजे को एंटीलिया के बाहर एसयूवी में जिलेटिन की छड़े मिलने और इस वाहन के मालिक मनसुख हीरेन की रहस्मययी मौत के मामले में पकड़ा है। कोर्ट ने वाजे को 25 मार्च तक एनआईए की हिरासत में सौंपा है। वाजे को लेकर सियासत गर्म, नाराज पवार ने ठाकरे से की मुलाकात
उधर, वाजे की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गर्मा गई है। राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। मुलाकात मुख्यमंत्री के सरकारी आवास वर्षा पर हुई। बताया जा रहा है महाराष्ट्र सरकार ने जिस तरीके से मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो मिलने और मुंबई पुलिस के निलंबित सचिन वाजे के मामले को डील किया है, उससे शरद पवार काफी नाराज चल रहे हैं। गिरफ्तारी से गठबंधन सरकार में दरार -भाजपा
इस बीच, भाजपा प्रवक्ता और विधायक राम कदम ने सचिन वाजे की गिरफ्तारी पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि इस गिरफ्तारी से महाविकास अघाड़ी में दरार पड़ गई है। राम कदम ने सवाल करते हुए कहा कि आखिर शिवसेना क्यों एक साधारण पुलिस अधिकारी को बचाने के पीछे लगी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे कौन-से राज हैं जो शिवसेना सामने नहीं आना देना चाहती है। बदले की कार्रवाई - शिवसेना
उधर, शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपने मुखपत्र सामना में एक लेख में लिखा कि महाराष्ट्र के कामों में टांग अड़ाने के लिए केंद्र सरकार और एजेंसियां सबसे पहले आगे रहती हैं। संजय राउत ने केंद्र पर आरोप लगाया और लिखा कि मुंबई पुलिस पेशेवर और सक्षम है और इस तरह के हस्तक्षेप से महाराष्ट्र में अस्थिरता बढ़ रही है।
लाइव हिन्दुस्तान समाचार सरहंगो ने सरेआम आदिवासी श्रमिको को लाठी डंडे से इतना मारा कि एक श्रमिक को अंदरूनी चोटे आई जवकि दूसरे को कई टांके लगे । वावजूद पुलिस ने रिपोर्ट नही लिखी वल्कि रिपोर्ट न लिखान