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छत्तीसग़ढ़ के बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र के टेकलगुड़ा के जंगल में शनिवार को नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में शहीद जवानों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है। 21 जवानों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि बाकी की तलाश जारी है। मुठभेड़ स्थल से दूसरे दिन रविवार को शहीद जवानोंके पार्थिव शरीर निकाले गए। बस्तर आइजी सुंदरराज पी. ने बताया कि इस मुठभेड़ में 31 जवान घायल हुए हैं। गंभीर रूप से घायल 13 जवानों को उपचार के लिए वायुसेना के हेलीकाप्टरों से रायपुर ले जाया गया। सुरक्षा बलों के जवान अब भी इलाके में सघन तलाशी अभियान में जुटे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह छत्तीसगढ़ पहुंचे। उन्होंने पहले रायपुर में घायल जवानों से मुलाकात की और फिर घटनास्थल की ओर रवाना हो गए। ज्ञात हो कि शुक्रवार रात को बीजापुर और सुकमा जिले के विभिन्न कैंपों से सीआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी व एसटीएफ के 2056 जवानों को बीजापुर और सुकमा के सरहदी जंगल में नक्सलियों की तलाश में उतारा गया था।
शनिवार को जब जवान लौट रहे थे, तभी एक टुकड़ी को नक्सलियों ने टेकलगुड़ा गांव के पास एंबुश में फंसा लिया। टेकलगुड़ा गांव एक ओर पहाड़ और तीन ओर से जंगल से घिरा है। मौके पर करीब छह घंटे तक रुक-रुककर फायरिग हुई। नक्सलियों ने यू आकार में एक किमी के दायरे में तीन जगह एंबुश लगा रखा था। एक ओर पहाड़ी से तो दूसरी ओर गांव से नक्सली फायरिग कर रहे थे।
जवान पोजीशन लेते इससे पहले ही पीछे से भी फायरिग होने लगी। दुर्दांत नक्सली माड़वी हिड़मा का इलाका दुर्गम जंगलों से घिरा यह इलाका नक्सलियों के बटालियन नंबर वन का इलाका है। इसका नेतृृत्व दुर्दांत नक्सली माड़वी हिड़मा करता है। हिड़मा के इस इलाके में होने की सूचना पर जवानों को सर्च आपरेशन पर भेजा गया था, पर नक्सली जाल बिछाकर बैठे थे।
बीजापुर जिले के तर्रेम थाना से होते हुए फोर्स शनिवार को दोपहर करीब 11.30 बजे टेकलगुड़ा गांव से सौ मीटर दूर पहुंची। तभी अचानक फायरिग शुरू हो गई। घायल जवान गांव की ओर भागे पर वहां पहले से नक्सली तैयार थे। मौके पर करीब छह घंटे में तीन मुठभेड़ हुई हैं। दूसरी मुठभेड़ दोपहर 3.30 बजे गांव में हुई और सबसे ज्यादा नुकसान यहीं हुआ। घायल जवानों पर गांव में छिपे नक्सलियों ने नजदीक से गोलियां बरसाईं।
अचानक हुए हमले के लिए जवान तैयार नहीं थे फिर भी उन्होंने अद्भुत बहादुरी का परिचय दिया। घटनास्थल के एक ओर पहाड़ी है, जिसमें नक्सलियों ने मोर्चा लगा रखा था। गोलियों की बौछार के बीच जवान नीचे खुले मैदान व खेत के बीच थे। पेड़ों की ओट लेकर लड़ते रहे घायल जवान मौके से जो तस्वीरें आई हैं, उनसे पता चलता है कि घायल होने के बावजूद जवान पेड़ों की ओट लेकर लड़ते रहे।
हालांकि आधुनिक हथियारों से लैस नक्सलियों ने बीजीएल, यूबीजीएल, कैंची बम आदि हथियारों से ताबड़तोड़ गोले दागे। शाम होने के बाद जवानों ने फायरिग रोकी और कैंप की ओर चले गए, जबकि नक्सली रातभर गांव और उसके आसपास मंडराते रहे। पहाड़ी पर पांच जवान शहीद हुए थे। जवानों के जाने के बाद नक्सलियों ने उन शवों को नीचे उतारकर उस पेड़ के पास रख दिया जहां पहले से ही एक जवान का शव पड़ा था। मुठभेड़ के बीच जवानों ने प्राथमिक उपचार भी किया गांव के भीतर खून के धब्बों के बीच एक इंजेक्शन की सीरिज व अन्य दवाइयां मिली हैं।
एक जवान ने गोली लगने के बाद अपनी जांघ में अपनी शर्ट फाड़कर पट्टी बांधी थी। लड़ाई के बीच ही जवान खुद प्राथमिक उपचार करते रहे। उन्होंने अपने घायल साथियों को निकालने का प्रयास भी किया। कई शव खाट के पास मिले हैं। एक जवान के हाथ में लकड़ी बंधी थी और वह खाट के पास पड़ा था। इससे लगता है कि जब जवानों ने साथियों को निकालने का प्रयास किया, तभी वहां छिपे नक्सलियों ने फायरिग कर दी। घटनास्थल पर करीब एक किमी के दायरे में हर पेड़ के तने में गोलियों के निशान हैं।
जूते, वर्दी, हथियार लूट ले गए नक्सली
नक्सलियों ने शहीद जवानों की वर्दी, जूते और अन्य जरूरत का सामान लूट लिया। आइजी बस्तर सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सली जवानों से सात एके 47 रायफल, दो इंसास रायफल व एक एलएमजी लूटकर ले गए हैं। आइजी ने कहा कि मौके से एक महिला नक्सली का शव इंसास रायफल समेत मिला है। उसकी पहचान पामेड़ एलजीएस कमांडर माड़वी वनोजा के रूप में हुई है। इस मुठभेड़ में कम से कम 12 नक्सली मारे गए हैं और 16 से ज्यादा घायल हुए हैं।
शहीद और घायल जवानों के नाम ,पदनाम पता
1. दीपक भारद्वाज -एसआइ डीआरजी -ग्राम पिरहिद थाना मालखरौदा जांजगीर चांपा 2. रमेश कुमार जुर्री -प्रधान आरक्षक -ग्राम पंडरीपानी थाना चारामा जिला कांकेर 3. नारायणा सोढ़ी - प्रधान आरक्षक - ग्राम पुन्नूर, थाना आवापल्ली, जिला बीजापुर 4. रमेश कोरसा - आरक्षक ग्राम बरदेला, थाना जांगला जिला बीजापुर 5. सुभाष नायक - आरक्षक ग्राम बासागुड़ा थाना बासाबुड़ा, बीजापुर 7. किशोर एंड्रिक - सहायक आरक्षक - ग्राम चेरपाल थाना बीजापुर जिला बीजापुर 8. सनकु राम सोढ़ी - सहायक आरक्षक - ग्राम पेद्दापाल, थाना मिरतूर जिला बीजापुर 9. भोसा राम करटामी - सहायक आरक्षक - ग्राम एकेली, थाना नेलसनार, बीजापुर 10. श्रवण कश्यप - प्रधान आरक्षक - ग्राम बनियागांव थाना करपावंड जिला बस्तर 11. रामदास कोर्राम - आरक्षक - ग्राम बनजुगानी थाना कोंडागांव जिला कोंडागांव 12. जगतराम कंवर - आरक्षक ग्राम आलीखुटा तहसील डोंगरगांव जिला राजनांदगांव 13. सुखसिह फरस - आरक्षक -ग्राम मोहदा थाना मैनपुर, जिला गरियाबंद 14. रमाशंकर पैकरा - आरक्षक - ग्राम अमदला थाना लखनपुर, जिला सरगुजा 15. दिलीप कुमार दास - निरीक्षक - ग्राम भारेगांव, जिला बारपेटा असम (कोबरा 210 बटालियन) 16. राजकुमार यादव - प्रधान आरक्षक - ग्राम रोनोपल्ली, जिला फिरोजाबाद, उत्तरप्रदेश (कोबरा 210 बटालियन) 17. शंभु राय - आरक्षक - ग्राम भाग्यपुर जिला नार्थ त्रिपुरा (कोबरा 210 बटालियन) 18. धर्मदेव कुमार - आरक्षक ग्राम थेकाहा चईका, जिला चंदौली उत्तरप्रदेश (कोबरा 210 बटालियन) 19. शखामुरी मुरारी कृृष्ण - आरक्षक - ग्राम गैतगुड़ी, जिला गुंटुर, आंध्रप्रदेश (कोबरा 210 बटालियन) 20. रघु जगदीश - आरक्षक - ग्राम डिगुयाविधि, जिला विजयनगरम आंध्रप्रदेश (कोबरा 210 बटालियन) 21. बबलू रंभा - आरक्षक - ग्राम डमरापथपारा, जिला गोवलपारा असम (कोबरा 210 बटालियन) 22. समैया बस्तर बटालियन आरक्षक - ग्राम आवापल्ली बीजापुर (कोबरा 210 बटालियन) -- जवान राकेश्वर सिह मनहास (आरक्षक) अब तक लापता हैं।
घायल डीआरजी जवानों की सूची नाम पदनाम पता
1. आनंद कुरसम एएसआइ डीआरजी डीआरजी बीजापुर 2. प्रकाश चेट्टी एएसआई डीआरजी बीजापुर 3. मनीराम कुंजाम एएसआई डीआरजी बीजापुर 4. प्रपुल्ल कुजूर प्रधान आरक्षक डीआरजी बीजापुर 5. बदरू पुनेम आरक्षक डीआरजी बीजापुर 6. लक्ष्मण हेमला आरक्षक डीआरजी बीजापुर 7. सोमारू कर्मा सहायक आरक्षक डीआरजी बीजापुर 8. बसंत झाड़ी सहायक आरक्षक डीआरजी बीजापुर 9. दशरू हेमला सहा आरक्षक डीआरजी बीजापुर 10. विजय मंडावी नगर सैनिक डीआरजी बीजापुर
घायल एसटीएफ के जवानों की सूची
1. भाष्कर यादव एपीसी एसटीएफ कैंप बीजापुर 2. सोनू मंडावी आरक्षक एसटीएफ कैंप बीजापुर 3. थामेश्वर साहू आरक्षक एसटीएफ कैंप बीजापुर 4. रामाराम ओयाम आरक्षक एसटीएफ कैंप बीजापुर 5. देवप्रकाश लकड़ा आरक्षक एसटीएफ कैंप बीजापुर
कोबरा 210 के घायल जवान
1. थामस पाल आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 2. राजीव सेठिया आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 3. बलेंदर सिह आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 4. मदनपाल सिह आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 5. आनंद पटेल आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 6. डिनेंद्र दास उप निरीक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 7. सूर्यभान सिह यादव प्रधान आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 8. अमित कुमार प्रधान आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 9. स्वाइन सुनील आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 10. सममेष एल्लेप्पा आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 11. संदीप द्विवेदी टु आइसी कोबरा कैंप बीजापुर 12. बलराज सिह आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 13. अभिषेक पांडेय एसआई कोबरा कैंप बीजापुर 14. देवेंदर आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर 15. मनीष कुमार डीसी कोबरा कैंप बीजापुर 16. लोकेश सिह प्रधान आरक्षक कोबरा कैंप बीजापुर
नक्सलियों की मांद में पहली बार भारी रिस्क लेकर वायुसेना का हेलीकाप्टर उतारा गया। घटनास्थल से बिना इसके शव निकालना मुश्किल था।14 जवानों के शवजगदलपुर हेलीकाप्टर से लाए गए। हमले के बाद शीर्ष अधिकारियों की बैठक हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देर शाम राजधानी पहुंचे। जबकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी अपना दौरा रद्द कर दिल्ली पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की। वहीं, सीएम भूपेश बघेल ने जवानों की शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए उनके स्वजनों के प्रति संवेदना जताई है।
बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर तर्रेंम थाना क्षेत्र सिलगेर गांव के पास के जंगल में नक्सलियों की बटालियन नंबर एक के कमांडर दुर्दांत नक्सली हिड़मा की मौजूदगी की सूचना मिल रही थी। इस आधार पर शुक्रवार को डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), सीआरपीएफ, एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) व कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम रवाना की गई थी। इसमें तर्रेम से 760 जवान, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा जिले के मिनपा से 483 व नरसापुरम से 420 जवानों को मिलाकर कुल 2059 जवान शामिल थे। शनिवार को सर्चिंग से वापसी के दौरान बीजापुर के तर्रेम व सुकमा के सिलगेर के बीच जोन्नागुड़ा के जंगल में फोर्स की एक टुकड़ी को नक्सलियों ने एंबुश (चौतरफा घेर लेना) में फंसा लिया।
राष्ट्रपति ने ट्वीट कर दी शहीदों को श्रद्धांजलि
बताया जा रहा है कि नक्सली पहाड़ पर थे जबकि फोर्स खुले मैदान में। अनुमान लगाया गया है कि मौके पर करीब ढाई सौ नक्सली मौजूद थे। उन्होंने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया। दोपहर 12 बजे से करीब तीन घंटे तक दोनों ओर से लगातार फायरिंग होती रही। बता दें कि नक्सली इन दिनों टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चला रहे हैं। इसमें वे हर साल बड़ी वारदातों को अंजाम देते रहे हैं। नारायणपुर जिले में 23 मार्च को जवानों से भरी बस को विस्फोट कर नक्सलियों ने उड़ा दिया था। इसमें पांच जवान शहीद हुए थे। शनिवार को दस दिन के भीतर दूसरी बड़ी वारदात कर डाली।
व्यर्थ नहीं जाएगी शहादत : मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सुरक्षा बलों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। नक्सलियों के विरुद्ध और तेजी से अभियान चलाएंगे। उन्होंने घायलों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
त्रिपुरा निवासी कोबरा बटालियन का जवान शहीद
मुठभेड़ में कोबरा बटालियन के एक, बस्तरिया बटालियन के दो व डीआरजी के दो जवान शहीद हुए हैं। इनमें दो नाम मिले हैं। इनमें मूलत: त्रिपुरा के विजय सागर पलती निवासी थामस पाल (35) और डीआरजी के समैया माड़वी शामिल हैं। महिला नक्सली की शिनाख्त नहीं हो पाई है।
हेलीकाप्टर व नौ एंबुलेंस भेजी गई
घायल जवानों को निकालने के लिए बीजापुर जिला मुख्यालय से वायुसेना के मिग-17 हेलीकाप्टर के साथ ही बैकअप पार्टी व नौ एंबुलेंस रवाना की गई थी।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा किए गए बड़े हमले
- 6 अप्रैल 2010 में ताड़मेटला हमले में सीआरपीएफ के 76 जवानों की शहादत ।
- 25 मई 2013 झीरम घाटी हमले में 30 से अधिक कांग्रेसी व जवान शहीद ।
- 11 मार्च 2014 को टहकवाड़ा हमले में 15 जवान शहीद ।
- 12 अप्रैल 2015 को दरभा में यदे एम्बुलेंस । 5 जवानों सहित ड्राइवर व एएमटी शहीद ।
- मार्च 2017 में भेज्जी हमले में 11 सीआरपीएफ जवान शहीद।
- 6 मई 2017 को सुकमा के कसालपाड़ में किया घात लगाकर हमला जिसमें 14 जवान शहीद ।
- 25 अप्रैल 2017 को सुकमा के बुरकापाल बेस केम्प के समीप किये नक्सली हमले में 32 सीआरपीएफ जवान शहीद।
- 21 मार्च 2020 को सुकमा के मिनपा हमले में 17 जवानों की शहादत।
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