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देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर भले ही धीमी हो गई हो लेकिन नोवल कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के बढ़ते मामले अब चिंता बढ़ा रहे हैं। देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और इस समय ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में इस वैरिएंट के 40 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
सरकारी सूत्रों की माने तो देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 40 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से सामने आए हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अब तक चार राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई है, जिसमें महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं।
भारत सरकार का कहना है कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और केरल में डेल्टा प्लस वैरिएंट की छिटपुट वृद्धि हुई है। इसके अलावा इस डेल्टा प्लस वैरिएंट में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। भारत सरकार ने बताया कि इन राज्यों को निगरानी बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं।
इधर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि मैंने सभी अधिकारियों को निर्देश दे दिया है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट की नजदीकी से निगरानी करें। शोध के लिए इस वैरिएंट की सूचना को इकट्ठा और रिकॉर्ड किया जाए। उन्होंने कहा कि हम हर जिले से 100 सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं।
दुनिया के दस देशों में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई
सरकारी की माने तो भारत उन 10 देशों में से एक है, जहां डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। वहीं दुनिया के 80 देश ऐसे हैं, जहां डेल्टा स्वरूप के बारे में जानकारी मिली है। इसे लेकर सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह डेल्टा प्लस वैरिएंट वैक्सीन और इम्यूनिटी दोनों को चकमा दे सकता है।
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) ने सूचना दी थी कि डेल्टा प्लस स्वरूप, ‘‘वर्तमान में चिंताजनक स्वरूप (वीओसी)’’ है, जिसमें तेजी से प्रसार, फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने और ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी’ प्रतिक्रिया में संभावित कमी जैसी विशेषताएं हैं।
कोरोना वायरस का ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है। भूषण ने कहा कि वहीं ‘डेल्टा’ स्वरूप भारत सहित दुनियाभर के 80 देशों में पाया गया है और यह एक चिंताजनक स्वरूप है।
भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गठित किया है। आईएनएसएसीओजी वायरस के नए स्वरूप तथा महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगा रहा है।
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