करवा चौथ : जानिए व्रत विधि, पूजन सामग्री, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त (Wed, Nov 4th 2020 / 16:06:48)
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सुहागिन महिलाओं ने करवा चौथ की तैयारियां पूर कर ली हैं। 4 नवंबर को सूर्योदय के साथ ही कठिन व्रत शुरू हो जाएगा जो रात में चंद्रमा के उदय के साथ पूरा होगा। इस दौरान महिलाओं पानी भी ग्रहण नहीं करती हैं। करवा चौथ के बारे में कहा जाता है कि यह परंपराओं का संगम है। इस दौरान सुबह से रात तक कई परंपराओं का निर्वाह होता है। मेहंदी रचाना, नई कपड़े पहनना, पूजा की थाली सजाना, व्रत की कथा सुनना और आखिरी में विधि विधान से पूजा करना इसके अहम अंग हैं। यहां हम इसी बारे में बताएंगे
यहां पढ़िए करवा चौथ की व्रत कथा
करवा चौथ की कथा इंद्रप्रस्थ नगरी के वेदशर्मा नामक ब्राह्मण परिवार की पुत्री से जुड़ी है। 7 भाइयों में अकेली बहन वीरावती का विवाह सुदर्शन नामक ब्राह्मण के साथ हुआ। वीरावती ने एक बार करवा चौथ का व्रत अपने मायके में किया। पूरे दिन निर्जल रहने के कारण वह निढाल हो गई। उसके भाइयों से उसकी यह दशा नहीं देखी गई। उन्होंने खेत में आग लगा कर समय से पहले ही नकली चांद उदय करा दिया। वीरावती की भाभियों ने उसे चांद निकलने की बात बता कर अर्घ्य दिलवा दिया। उसके बाद से वीरावती का पति लगातार बीमार रहने लगा। उसने इंद्र की पत्नी इंद्राणी का पूजन कर उनसे समाधान मांगा। उन्होंने व्रत के खंडित होने की बात बताई और पुन: विधि विधान से व्रत करने की सलाह दी। वीरावती ने वैसा ही किया। इससे उसका पति ठीक हो गया। उसी समय से यह व्रत लोक प्रचलन में आ गया।
जानिए कौन कौन सी हैं करवा चौथ की पूजन सामग्री
करवा चौथ की थाली सजाना सबसे अहम होता है। इसमें कुमकुम, हल्दी, अक्षत रखे जाते हैं। शुद्ध जल का कलश लिया जाता है। इसी से चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। यदि घर में गंगाजल है तो इसमें दो बूंद डाल दें। दीपक, रूई, देसी घी, कच्चा दूध, शहद, चीनी, मिठाई, करवा, लड़की की चौकी या पटिया, छलनी, दक्षिणा जरूर शामिल करें।
(करवा चौथ शुभ मुहूर्त)
करवा चौथ का प्रारंभ 4 नवंबर की शाम 3 बजकर 24 मिनट पर होगा और यह 5 नवंबर की सुबह 5 बजकर 14 मिनट को समाप्त हो होगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, करवा चौथ व्रत का समय 4 नवंबर की सुबह 6 बजकर 35 मिनट से रात 8 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। यानी कुल 13 घंटे 37 मिनट का व्रत रहेगा। पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर 2020 की शाम 5 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक है। हालांकि अधिकांश स्थानों पर चंद्रमा उदय होने के बाद उनकी पूजा की जाती है और इसके बाद अन्न ग्रहण किया जाता है।
जानिए करवा चौथ व्रत विधि
सुबह सूर्योदय के बाद कुछ भी ग्रहण न करें। जो महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर हैं, वे जल ग्रहण कर सकती हैं। सूर्योदय से पूर्व स्नान करें। पूजा पाठ करें और दिन में पूजा की तैयारिया शुरू कर दें। जहां तक संभव हो, घर में ही रहे हैं। पवित्रता का विशेष ख्याल रखें। रात में चंद्रमा की पूजा करने के बाद पति के हाथों जल ग्रहण करें।
करवा चौथ पर ऐसे करें पूजा, जानिए पूरी विधि
चंद्रमा उदय होने के बाद उनकी पूजा आरंभ करें। सबसे पहले घी का दीपक जाएं। इसके बाद एक एक कर पूजन सामग्री चंद्रमा की ओर देखते हुए अर्पित करें। आखिरी में अर्घ्य चढ़ाएं। छलनी में चंद्रमा और पति के दर्शन करें और पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ें। इसके बाद भोजन कर सकते हैं।
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