‘चंद्रयान-3’ का चंद्रमा की कक्षा में ऊपर उठने का लक्ष्य पूरा हो गया है। यह वारंवार देश का विज्ञानिक और अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो (Isro) द्वारा निर्मित गया है। ‘चंद्रयान-3’ ने अपनी मिशन के तहत 127609 किलोमीटर X 236 किलोमीटर की कक्षा में पहुंच कर चंद्रमा की सतह के लिए धरती से उड़ान भरी हैं। इस महत्वपूर्ण क्षण को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पीढ़ी के रूप में चिन्हित किया गया है।
चंद्रयान-3 का महत्वपूर्ण कार्यक्रम 14 जुलाई को शुरू हुआ था, जब यह धरती से उड़कर चंद्रमा की ओर बढ़ा। इसके बाद, अगली प्रक्रिया, ट्रांसलूनर इंजेक्शन (टीएलआई) अगस्त 2023 में होने वाली है। चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी की कक्षा छोड़कर 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि में चंद्रमा की ओर अग्रसर होगा। जब इसकी यात्रा समाप्त हो जाएगी, तो चंद्रमा की ऑर्बिट में 5 अगस्त को पहुंच जाएगा। इसके बाद, चंद्रयान-3 अपनी अंतिम चरण में प्रवेश करेगा और 23 अगस्त को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंड कर सकता है।
यह मिशन चंद्रमा का अविस्मरणीय प्रयोग होगा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान इतिहास में एक महत्वपूर्ण धारा का निर्माण करेगा। चंद्रयान-3 के माध्यम से, भारत साइंटिफिक कम्युनिटी और वैज्ञानिकों को चंद्रमा की विस्तृत अध्ययन करने का एक अद्वितीय अवसर मिलेगा। इसके साथ ही, चंद्रयान-3 भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम की सामरिक और वैज्ञानिक क्षमता को और भी अंदाजे में बढ़ाएगा।
‘लाइव हिंदुस्तान समाचार’ के पाठकों को बताना चाहिए कि चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में ऊपर उठने का लक्ष्य पूरा कर लिया है। इसके संबंध में और जानकारी प्राप्त करने के लिए, इन समाचारों के साथ बने रहें।
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