नितिन गडकरी और पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। इस ऑपरेशन के माध्यम से फंसे लोगों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए कार्रवाई की जा रही है। इस बात का ध्यान देते हुए नितिन गडकरी और पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि भारत सरकार इस मामले में बाहरी और आंतरिक नेतृत्व को जोड़कर मदद कर रही है। इसके अलावा सरकार ने रेलवे और विशेषज्ञों की मदद ली है, जो फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए अपने अनुभव और विशेषज्ञता का उपयोग कर रहे हैं। फंसे लोगों की बचाव के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन के इंजीनियर भी बुलाए गए हैं जो अपनी विशेषता से इस ऑपरेशन में मदद कर रहे हैं। ऑगर मशीन फंसे लोगों की बचाव के लिए सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि इससे ऐसी ऐंठनी की चांदी की खरपतवार सुरंगों से होती है।
इसके साथ ही, खबर में बताया गया है कि इस संदर्भ में तकनीकी समिति गठित की गई है जो सुरंग की जांच करने के लिए नियुक्तियों पर काम कर रही है। इसके बावजूद, फंसे लोगों को आवश्यक सामग्री, जैसे खाद्य पदार्थ और दवाएं पहुंचाई जा रही है। लगातार तार लगाने के बाद, भूमिगत ड्रिलिंग की शुरुआत हुई है जो फंसे लोगों को बचाने के लिए किया जा रहा है। इस काम में विशेषज्ञ लोगों ने एक ढेर भविष्य में सुचारू रूप से कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
इन सभी प्रयासों के माध्यम से भारत सरकार ने फंसे लोगों और उनके परिजनों को आश्वासन दिया है कि वह सभी संभव प्रयास कर रही है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द बचाया जा सके। इसके साथ ही सरकार ने फंसे लोगों के व उनके परिजनों के प्रति अपनी प्राथमिकता बताने का संकेत दिया है। वर्तमान में उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में नेतृत्व दिखाने के लिए तत्परता दिखाई है और सभी संभावित रास्तों का आकलन कर रहे हैं जिससे फंसे लोगों को तत्परता से रेस्क्यू किया जा सके।
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