पिछले वित्त वर्ष में पाकिस्तान में गरीबी दर बढ़कर 39.4 फीसदी पर पहुंच गई है। यह खबर भारत के लाइव हिंदुस्तान समाचार वेबसाइट के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
पिछले वित्त वर्ष में पाकिस्तान में गरीबी दर 39.4 फीसदी बढ़कर पहुंच गई है। इसका मतलब है कि 1.25 करोड़ से भी ज्यादा लोग और गरीबी की चपेट में आ गए हैं। पाकिस्तान के लिए यह काफी चिंताजनक खबर है और इससे सामाजिक-आर्थिक उस्तावलापन का संकेत है।
विश्व बैंक ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान को तत्काल कदम उठाने की सलाह दी है। विश्व बैंक के अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल गरीबी कम नहीं कर रहा है और इसे दूर करने के लिए नए कदमों की आवश्यकता है।
पाकिस्तान को उचित वित्तीय स्थिरता हासिल करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार को टैक्स कलेक्शन की क्षमता में सुधार करना होगा। वर्तमान में टैक्स कलेक्शन की क्षमता आधे से ज्यादा का अंतर प्रदर्शित करती है, जो आवाम के लिए संगरोधनीय है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति की मदद करने के लिए विश्व बैंक ने सलाह दी है कि देश को इस मुद्दे को समझने की जरूरत है और संघर्ष करने के लिए सही कदम उठाने की आवश्यकता है। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा, लेकिन इससे पाकिस्तान के लिए गरीबी और वृद्धि के पथ पर चलने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।