कानपुर में गर्मी और बारिश के बीच डेंगू की दस्तक शुरू हो गई है। इसके चलते इसी महीने तीन दिनों में तीन मामले सामने आने से हडकंप मच गया है। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने इस खतरे के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अस्पतालों में विशेष इंतजाम किए गए हैं।
लाइव हिंदुस्तान समाचार के अनुसार, कुल 30 एक्टिव डेंगू मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में तीन वार्डों को डेंगू और मलेरिया के लिए तैयार किया गया है। इन वार्डों में अब बेडों में मच्छरदानी भी लगाई गई है।
डेंगू के मरीजों की देखभाल के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों की जांच के बाद अपना सर्वे शुरू किया है। प्रारंभिक सर्वे में हर 10वें घर में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर पाए जा रहे हैं। यह चिंता की बात है क्योंकि अगले दो महीने संवेदनशील माने जा रहे हैं। डेंगू मच्छरों की संख्या काफी ज्यादा होने की संभावना है, जो पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक है।
इस मुश्किल समय में जिला मलेरिया अधिकारी ने मरीजों की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम का प्रस्ताव किया है। इसके साथ ही अधिकारी ने आम जनता से अपील की है कि वे खुद अपने आस-पास के इलाकों में मच्छरदानी लगाने का पूरा सहयोग करें और स्वच्छता बनाए रखें।
इस अबाधित डेंगू के संक्रमण से जुड़ी जानकारी के मुताबिक, लोगों को ध्यान देने तथा सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सर्दी के मौसम में रेखा में बंधी जीन्स, सलेवार और नसीबियान पहनने की प्रथा के चलते मच्छर ज्यादा होते हैं। इसलिए यह अवधि वैक्सीनेशन, डेंगू क्षेत्रों में नसीबियान पहनने और स्वच्छ रखने के माध्यम से खुद को सुरक्षित रखने के लिए भी लोगों को यत्नशील बने रहना चाहिए।
यहां तक कि संचार के बीच, डेंगू के इलाज का आंतरद्वीपीय सप्लाईचेन कमजोर होने के कारण डेंगू के खिलाफ पूरे क्षेत्र में समस्या आ रही है। इसलिए अपने आप को हर समय सुरक्षित बनाए रखें और डेंगू की इस मनमानी का खतरा न भूलें।
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