मौके पर स्वर्णिम आयोजन किये गए, जहां बच्चे-बुजुर्ग सभी फूलों की चादर में लिपटे, भगवान कृष्ण की आराधना करने में व्यस्त थे।
4. लोगों ने मथुरा में विशेष पूजा-अर्चना की और व्रत रखकर प्रभु कृष्ण के जन्म के अवसर पर ज्योतिष द्वारा समय सीमा निश्चित की जाने वाली रिक्ति के बावजूद नजरअंदाज करते हुए उस सूचना को देखते हुए यह ज्ञात होता है कि सभी शहरों में विभाजित भारत ने जन्म के समय पर्यावरण को तैयार किया था।
5. जन्माष्टमी के त्योहार के दौरान मथुरा में तो मुसीबत की बात उठी ही नहीं। फिलहाल कोरोना महामारी के कारण शहर के सभी मंदिर तथा प्रसिद्ध स्थलों को विशेष कोट दिया गया था, जिसके चलते नगर निगम कर्मचारियों समेत सुरक्षा बल पुलिसवाले ताबड़तोड़ तैनात थे। इसके अलावा वाटरतांक, सीसर टेम्पल टॉवर व ट्रैफिक इंटरफेस सरकारी जेब पर बैठे थे।
6. देश के विभिन्न हिस्सों से आए भक्त देशभर में मथुरा के नंद नगरी में एकत्रि हो गए। मुश्किल से जगह मिलने के चलते मंदिरों के बाहर फैलायी गई थी छतरी जबकि मंदिर के अंदर भक्तों को सराहना कर रही थी।
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