अनंतनाग के कोकेरनाग इलाके में मंगलवार को आतंकी हमले में सेना के दो अधिकारी घायल हो गए हैं। इसमें एक राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं। यह हमला कुछ ही दिनों के बाद हुआ है जब इसी इलाके में बुधवार को फिर एक आतंकी को मार गिराया गया था।
इस घटना के पीछे मंगलवार को हुई वार्षिक धार्मिक महासभा होने की भी घटना की आशंका है। इसलिए संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं थीं और सुरक्षा बलों को सतर्क रहने का आदेश दिया गया था। खराब मौसम के बावजूद भी सुरक्षा बलों ने कड़ी कार्रवाई जारी रखी और तलाशी अभियान चलाया गया। शहीद राइफलमैन के लिए एक पुष्पांजलि समारोह भी आयोजित किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इस साल बस राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में ही कई मुठभेड़ें हुई हैं, जिनमें कुल 26 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। इससे पहले भी बहुत सारी मुठभेड़ें घट चुकी हैं और विशेष रूप से पिछले महीनों में इस इलाके में धमाकों का शोर था।
इन घटनाओं के बावजूद, सेना और सुरक्षा बल तलाशी अभियान जारी रखेंगे और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। वहीं यह घटना दक्षिण कश्मीर के अदिवासी जाति के लोगों के लिए एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण खबर है। कोकेरनाग इलाके में रहने वाले लोग यहां की स्थिति को लेकर चिंतित हैं और सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा कर रहे हैं। इस हमले ने इलाके में बहुत सारे लोगों को गहरी जलसाज़ी में डाल दिया है।
अभी तक तीन आतंकवादी मार गिराए गए हैं, जबकि बहादुर कुत्ते की भी मौत हो गई है। यह सुरक्षा बलों के लिए बेहद दुखद है क्योंकि उनके साथी ऐसे तानाशाह आतंकवादी भी इलाके में बाहरी हमलों करने के लिए हो रहे हैं। सुरक्षा बल लोगों की सुरक्षा और तानाशाही को रोकने के लिए और महत्वपूर्ण उपकरणों के साथ तलाशी अभियान को आगे बढ़ाएंगे। यह घटना सबको यह दिखा रही है कि तानाशाही का सामना करने के लिए आगे और शक्तिशाली कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
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