जापान ने फुकुशिमा दाइची शौचालय से ब्रह्मसागर में जल छोड़ना शुरू किया है। इस साहसिक कदम के परिणामस्वरूप, इलाके में तनाव और बवाल बढ़ गया है। चीन ने जापान से आने वाले समुद्री आहार पर प्रतिबंध लगा दिया है। जापानी अधिकारियों ने बताया कि इस निर्णय को लेते हुए स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा का ध्यान रखा गया है।
पुराने परमाणु ऊर्जा संयंत्र में पंप के चलते एक नया प्रोजेक्ट शुरू हुआ है। यह प्रोजेक्ट न केवल जापान में प्रशंसा पाए है, बल्कि चीन और दक्षिण कोरिया में इसके प्रति भी रुचि है।
हांगकांग में जापानी प्रधानमंत्री और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। लोग परमाणु ऊर्जा के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और इसे मन्यता देने के लिए जबरन बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
फुकुशिमा हादसे के बाद से दुनिया भर में परमाणु ऊर्जा के प्रति नजरिये में बदलाव हुआ है। बहुत से देशों ने परमाणु ऊर्जा के संयंत्रों को बंद करने का निर्णय लिया है, जैसे जर्मनी और स्विट्जरलैंड। ये देश पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ऐसा कर रहे हैं।
फुकुशिमा का नाम अब वैश्विक मानक के रूप में ऊर्जा विपथ का प्रतीक बन चुका है। यह दुर्घटना ने हमें समझाया है कि परमाणु ऊर्जा को बहुत सावधानीपूर्वक उपयोग किया जाना चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं पुनः न हों।
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