देनगू बुखार के मामलों में नए वृद्धि, संक्रमितों की संख्या 146 तक पहुंची। यह खबर हमारे साथी समाचार वेबसाइट ‘लाइव हिंदुस्तान समाचार’ के लिए लाभदायक हो सकती है। विभिन्न शहरों में डेनगू बुखार के 6 नए मामले सामने आए हैं। साथ ही, संक्रमण के आंकड़ों में वृद्धि दिखाई दी है और संक्रमितों की संख्या 146 तक पहुंच गई है।
इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने सितंबर तक इसे काबू करने का दावा किया था। उन्होंने डेनगू बुखार के विस्तार को रोकने और खत्म करने के लिए सक्रिय कदम उठाए थे। वे आंवये नेपालगंज क्षेत्र, जहां संक्रमण की सामग्री मिली जाती है, में लार्वा और संक्रमित मच्छरों के मानचित्र पर ताले लगा रहे हैं।
आमतौर पर डेंगू बुखार फैलाने वाले मच्छरों के बारे में एक मिथक प्रचलित है, जो कि मच्छर काटने से ही यह बीमारी फैलती है। लेकिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम रिपोर्ट इस मिथक को खंडन करती है। रिपोर्ट के अनुसार, डेनगू वायरस समुद्र किनारे के क्षेत्रों में अधिक पाया जाता है क्योंकि वहां का तापमान मच्छरों के लिए आदर्श होता है। इन मच्छरों के द्वारा काटे जाने पर डेनगू वायरस व्यक्ति में प्रवेश करता है और डेनगू बुखार के मामले हो जाते हैं।
डेनगू वायरस यह हमेशा के लिए विद्यमान रहता है और हर समय कहीं न कहीं देश में होता रहता है। यह बीमारी पेड़ों के पत्तों में नहीं फैलती है, बल्कि यह मच्छरों द्वारा फैलती है जो अंडे देने के लिए गर्म खून पीने के लिए काटते हैं। इसके अलावा, डेनगू को फैलाने वाले मच्छर 50 मीटर से अधिक उड़ते नहीं हैं। इसलिए, स्वास्थ्य विभाग ने शहर में एक लार्वा कंट्रोल प्रोग्राम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य डेनगू बुखार को खत्म करना है। इसमें मच्छरों के आवास में आंवये नेपालगंज और रुपन्देही क्षेत्र शामिल हैं।
डेनगू बुखार को खत्म करने के लक्ष्य बनाए जाने की योजना बनाई गई है, और स्वास्थ्य विभाग ने सितंबर तक इसे काबू करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, लोगों से समय-समय पर केयर व अलर्टनेस में रहने की अपील की जा रही है। डेनगू बुखार से बचाव के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता और पर्यावरण की सुरक्षा पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है।
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