डेंगू शब्द हर साल की नीयती से हमारे दिलो-दिमाग में आवाज़ करता है। यह एक ऐसा जानलेवा रोग है, जिसका सटीक उपचार नहीं मिल पाता है। यह एक एडीज मच्छर के काटने से होने वाला मौसमी बुखार है, जिसका कारण डेंगी वाइरस होता है। यह वाइरस मोस्किटो यानी की मच्छर के काटने से भ्रमण करता है और मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है।
डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, शरीर में दर्द और सिरदर्द, आंखों की लाली, त्वचा पर लाल चकत्ते होना शामिल होता है। डेंगू बुखार आमतौर पर 4 से 10 दिन तक रह सकता है। इसकी अवधि व्यक्ति के इम्यून सिस्टम की स्थिति और संक्रमण के स्तर पर निर्भर करती है। खासकर यह अवधि डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF) या डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) के मामलों में बदल सकती है।
आमतौर पर इस रोग के इलाज के लिए डॉक्टरों की सलाह की जाती है, लेकिन कुछ घरेलू उपाय आपकी मदद कर सकते हैं। पपीते, गिलोय, ग्लूकोज, कद्दू के बीज और संतरे डेंगू से प्रभावित रोगी के प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। ये सरकारी निर्देशानुसार किया जा रहा है और लक्षणों को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
इसे ध्यान में रखते हुए, डेंगू के रोगियों के लिए सही और उचित इलाज का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। अगर किसी को भी डेंगू बुखार हो रहा है तो वह तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करे और उनके निर्देशानुसार इलाज करे। साधारणतया, यह रोग ठीक हो जाता है, लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि इलाज के समय मरीज को पूरी आराम की जरूरत होती है और वह ज्यादा से ज्यादा पानी पीते रहे।
इस रोग को रोकने के लिए हमें मच्छरों के खाने के स्थलों को साफ और स्वच्छ रखना चाहिए। स्वच्छता और जागरूकता सभी की जिम्मेदारी होनी चाहिए ताकि डेंगू जैसे रोग को जड़ से उखाड़ फेका जा सके। अगर हम सब मिलकर इसलिए महनत करें तो कुछ ही समय में देश को डेंगू जैसे जानलेवा रोग से छुटकारा मिलेगा।
डेंगू बुखार आने के बाद व्यक्ति को अधिक मोनसूनी जैसा बात का खयाल रखना चाहिए। भूमि पर पानी जमा न होने देना, पानी जमा हुए स्थान को सुखाना, मोटरों का ध्यान रखना और अपना रखरखाव करना जैसे सभी बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है।
डेंगू पर जागरूकता फैलाना भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में लोग डेंगू बुखार के लक्षणों से परिचित नहीं होते हैं। इसलिए, लोगों को डेंगू के लक्षणों, इलाज के बारे में जागरूक होना चाहिए, ताकि उन्हें इसके प्रभावी उपचार की जानकारी हो सके।
अक्टूबर महीने में डेंगू के मामले बढ़ाने की संभावना होती है इसलिए सभी हमें सतर्क रहना चाहिए और ऐसे वक्त पर पूरे संगठन को डेंगू संबंधी जागरूकता व परिचर्चा करनी चाहिए। इस वैश्विक तंत्र में एक हो कर आगे बढ़े और डेंगू जैसे रोग के प्रभाव को कम करें, इसी का हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इसलिए, सभी हमें आपस में मिलकर डेंगू को जड़ से खत्म करने के प्रयास करना चाहिए।