खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आत्मघाती हमले में नौ सैनिकों की मौत हो गई है। इस हमले में पांच और घायल भी हो गए हैं। हमला हुआ जब एक आतंकी ने सेना के काफिले पर बाइक सवार होकर धमाका किया। इस हमले की जिम्मेदारी टीटीपी ने स्वीकारी है। सुरक्षाबलों ने इसके बाद गठबंधन और तलाशी की शुरुआत की है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस हमले पर दुख जताया है। टीटीपी ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कई बड़े आतंकी हमले अंजाम दिए हैं और इसकी जिम्मेदारी टीटीपी के ही संगठन में है। यह संगठन खैबर पख्तूनख्वा में अपना प्रभाव बहुत बढ़ा चुका है और वहां कई हमलों की जिम्मेदारी इससे जुड़ी है। पिछले महीने ही टीटीपी के आतंकियों ने एक पुलिस चौकी पर हमला किया था, जिसमें दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके अलावा पिछले हफ्ते में पेशावर के एक मस्जिद में भी टीटीपी का हमला हुआ था, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
ये हमले पाकिस्तान की सुरक्षा और स्वतंत्रता को चुनौती देते हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार और सुरक्षाबलों ने टीटीपी के खिलाफ मुखबिरी और मुकदमा दर्ज करने के लिए कड़ी कार्रवाई की है। पाकिस्तान की आवाजदार राष्ट्रपति ने भी टीटीपी के हमलों की निंदा की है और उन्हें आतंकवाद के हमलों के तौर पर बताया है। सुरक्षा बलों को टीटीपी को खत्म करने के लिए और सुरक्षा बढ़ाने के लिए और भी मजबूत उठाव लेना चाहिए।
सुरक्षाबलों को इसके बाद और ज़्यादा सतर्क और तत्पर रहना चाहिए, ताकि हमले को घटा दिया जा सके और देश की सुरक्षा भी बनी रहे। एकजुट होकर टीटीपी जैसे आतंकी संगठनों को पराजित किया जा सकता है और देश को आतंकवाद से मुक्त किया जा सकता है।
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