डेंगू के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग के प्रयास
डेंगू के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग ने अपने प्रयासों को औरग्रहण करते हुए अब तक कई कार्यवाही की है। स्वास्थ्य विभाग के लोग डेंगू पर अंकुश लगाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा, विभाग ने 100 टीमें भेजकर एंटी लार्वा एक्टिविटी भी चला रही है।
डेंगू से बचाने के लिए शिक्षा विभाग का सहयोग भी मांगा जा रहा है। इसके तहत, विभाग में की गई प्रार्थना सभा में बच्चों को डेंगू से बचाने की जानकारी दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि विज्ञान अध्यापकों को रोज़गार द्वारा जागरूक किया जाएगा ताकि वे बच्चों को डेंगू के खिलाफ जागरूक कर सकें।
जिले में अभी तक 15 साल से कम आयु के बच्चों में डेंगू के कोई मामले नहीं सामने आए हैं। इसके पीछे स्वास्थ्य विभाग के कठिन प्रयास व सतत जागरूकता का असर माना जा रहा है। अति संवेदनशील इलाकों को अलग घोषित किया गया है। इसके तहत, विभाग ने अशोक विहार कॉलोनी, थर्मल कॉलोनी और गांव खुखराना को अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर दिया है। इन इलाकों में फॉगिंग कराई जा रही है और जमा पानी बड़ी समस्या बन रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने सिविल अस्पताल में अलग से वार्ड बनाए हैं और उच्चतम संख्या में बेड तैयार किए हैं। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो डेंगू से ग्रसित मरीज़ों को अतिरिक्त सुविधा प्रदान करेगा। नोडल अधिकारी ने बताया कि जिले के सभी स्कूलों में विज्ञान अध्यापक बच्चों को डेंगू के खिलाफ जागरूक करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों और उनके अभिभावकों को यह सतर्क रहना होगा कि उन्हें आसपास पानी जमा न होंए दें और अगर उन्हें बुखार है तो डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें।
इन सभी प्रयासों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग डेंगू के खिलाफ लड़ाई में प्रगति कर रहा है और जनता को डेंगू से संबंधित जानकारी प्रदान करता रहेगा। यही नहीं, विभाग की प्रारंभिक सफलता से मानो डेंगू का अंतिम संकट अब ज़रूर आ पाएगा।
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