बरेली जिले में एक दिन में मलेरिया के 50 नए मरीज मिले। इसका कारण मच्छरों के तेजी से पनपने का कारण है, इसके बाद भी अस्पताल में रोगियों की भर्ती के लिए अलग से वार्ड नहीं बनाए गए हैं। मच्छरों को नष्ट करने की कार्रवाई हो रही है और संवेदनशील इलाकों में फॉगिंग की जा रही है। इसे नियंत्रण में लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टीमें संवेदनशील इलाकों में जा कर लोगों को मच्छरों से बचाव और उन्हें नष्ट करने का तरीका सिखाया है। इसके साथ ही मलेरिया और डेंगू के लक्षणों के बारे में जनता को जागरूक किया जा रहा है।
बरेली जिले में वायरसों के मच्छरों के पनपने के कारण मलेरिया के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसके बावजूद, जब से इससे संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी है, यहां के अस्पताल में उनके भर्ती के लिए अभी तक कोई अलग सा वार्ड नहीं बनाए गए हैं। अस्पताल की टीमों ने मच्छरों को नष्ट करने की कार्रवाई शुरू कर दी है और संवेदनशील इलाकों में फाँसे हुए मच्छरों को तस्करी करने का कार्यक्रम चला रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने अपनी टीमें संवेदनशील इलाकों में भेजी हैं ताकि वहाँ के लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए ताकत दी जा सके और उन्हें मच्छरों को नष्ट करने के तरीके सिखा सके। उमीद है कि इससे लोगों की जागरूकता में बढ़ोतरी होगी और वे न केवल मच्छरों से बचेंगे, बल्कि मलेरिया और डेंगू के लक्षणों को भी पहचान सकेंगे।
इससे पहले भी जिले में डेंगू की वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। सरकार ने पहले ही इस मामले पर जांच करवाई है और ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए कार्रवाई भी की है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया और डेंगू के लक्षणों को पहचानने के लिए किट और दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
मलेरिया और डेंगू की बढ़ती संख्या ने लोगों में चिंता का विषय बना दिया है। साथ ही, वायरसों के मच्छरों के पनपने के कारण मरीजों की संख्या में रूकावट नहीं हुई है। मच्छरों को नष्ट करने और लोगों को जागरूक करने की कार्रवाई अच्छे जरिए मानी जा सकती है। उचित सुरक्षा के साथ, ग्रामीणों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी आवश्यक है।