ओबीसी, अत्यंत पिछड़ा, SC, ST, अनारक्षित (जनरल), ब्राह्मण, भूमिहार, यादव, कुर्मी समुदाय, मुसहर, राजपूत, हिन्दू, मुस्लिम – ये सब आबादी में हस्तक्षेप करें और इंसानों की समाज में प्रतिस्थापना के बारे में जानकारी दें। इन तथ्यों को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि हिन्दुस्तान की जनसंख्या में विभाजितता की समस्या अभी भी मौजूद है।
हिंदुस्तान जैसे एक विशाल देश में, आज भी जातीय भेदभाव और असमानता का विषय अभी तक गर्म है। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम इन मुद्दों को गंभीरता से लें और उन्हें सुलझाने के लिए कदम उठाएं।
इन आँकड़ों से पता चलता है कि ब्राह्मण और यादव समूह के साथ-साथ, मुस्लिम और हिन्दू समूह भी अबादी के बड़े हिस्से को बनाते हैं। इसके अलावा, ओबीसी, अत्यंत पिछड़े, SC, ST, अनारक्षित समूह की भी अबादी काफी महत्वपूर्ण है। इन आँकड़ों के माध्यम से, हमारे पास जाति के आधार पर लोगों की प्रतिष्ठा और सामाजिक स्थिति के बारे में जानकारी होती है।
अतिरिक्त सूचना के अनुसार, अल्पसंख्यक समूहों की अबादी में मुसहर, कुर्मी समुदाय, राजपूत और ST समुदाय सबसे ज्यादा है। इन समुदायों में विकास के मामले में भी काम करने की जरूरत है, क्योंकि इनके प्रति समाज के द्वारा निरंतर उपेक्षा बरकरार रही है।
हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के बारे में इन आँकड़ों से यह ज्ञात होता है कि वे हिंदुस्तान की सबसे बड़ी समुदाय है। हालांकि, हिंदू जनसंख्या काफी अधिक है, लेकिन मुस्लिम समुदाय की अवस्था भी मेहनत की जरूरत है। हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम सभी समुदायों को समान अवसर प्रदान करें और सभी को समान अधिकार दें।
शायद एक दिन ऐसा आएगा जब हम जाति और धर्म के आधार पर अंतर की बात छोड़ देंगे और सबको समानता और न्याय देंगे। इसके लिए, हम सबको साथ आना चाहिए और इन समस्याओं का सामना करना चाहिए, क्योंकि हमारा देश तभी विकास का मार्ग चुनेगा जब हम सभी मिलकर काम करेंगे। इसलिए, अब समय है कि हम सब मिलकर जाति और धर्म विषय में यों सोचकर इस विषय पर दबाव डालें।