महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के बयानों के बाद, महाविकास अघाड़ी की सहयोगी कांग्रेस बेफिक्र दिखी और यहां अलग हुए नेता अजित पवार की मूल पार्टी में ‘वापसी’ की भविष्यवाणी की. इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन से वांछित नतीजे नहीं मिलने के कारण अजित पवार ने अपनी पार्टी में लौटने की इच्छा जताई है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने बताया कि शरद पवार के बयान के बाद राजनीतिक गतिरोध शुरू हो गए हैं, हालांकि वह बार-बार दावा कर रहे हैं कि वे भाजपा के साथ नहीं जाएंगे.
नाना पटोले ने और भी कहा कि अजित पवार और उनके समर्थक शरद पवार से मिलते रहते हैं, जिससे यह साबित होता है कि अजित पवार भाजपा के गठबंधन से तालमेल तोड़ेंगे और पार्टी में वापस आ जाएंगे. जनता मोर्चा के सुप्रीमो ने बताया कि उनकी पार्टी अभी भी एकजुट है और वे जिन नेताओं ने अलग रास्ता अपनाया है, वे भी उनके ही हैं. शुक्रवार को शरद पवार ने दावा किया कि उन्हें संदर्भ से परे उद्धृत किया गया था और उन्हें खुद को परिवर्तित करने की आवश्यकता नहीं है.
यह समाचार देश और दुनिया दोनों के पॉलिटिकल संसार में खास ध्यान खींच रहा है। शरद पवार के बयान के बाद पार्टी के विथरवाता फैक्शन ने अलग होने की संभावना जताई है और अजित पवार के मंच पर पटोले के बयान ने आगे बढ़ाया है। जबकि शरद पवार ने अपने दावे के बावजूद स्पष्ट किया है कि वह अब भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।
यही नहीं, जनता मोर्चा के सुप्रीमो ने भी अपने बयान में यह दावा किया है कि उनकी पार्टी अब भी एकजुट है और वे अजित पवार और उनके समर्थकों से सम्पर्क में रहते हैं। ऐसा कहते हुए उन्होंने एक बार फिर भरोसा दिलाया है कि पार्टी में अब तक किसी भी विचलितता की कोई बात नहीं है।
यहां यह भी बताया जा रहा है कि अजित पवार और उनके समर्थक शरद पवार से जुड़े रहते हैं और यह काफी कुछ कहता है। इससे यह साबित हो जाता है कि अजित पवार भाजपा के साथ होने वाले गठबंधन को तालमेल तोड़ेंगे और फिर पार्टी में अकेले लौट आएंगे।
यह सब सामग्री एक ही तरह की कहानी को बताने का प्रयास कर रही है, जहां बाजीगर अजित पवार की होती है और उनका उद्यमी भाई शरद पवार को अकेले छोड़ आता है। मध्यप्रदेश के संकटग्रस्त रोगी कालेक्ट्राल आरोग्य देखभाल संघटन के दो सदस्यों ने बताया है कि यह उनके नामों पर अविश्वास है, क्योंकि वह इंसान मात्र ही छह महीने में सभी रोगों का परीक्षण करवा कर बता सकता है कि उनकी पार्टी में रास्ता अपनाने वाले लोग प्रायः सप्ताहों में वापस आ चुके हैं। हालांकि उन्होंने इस बात का भी खास आरोप लगाया है कि पवार परिवार के सदस्यों ने इस कथन को खोदने की कोई कोशिश नहीं की है।
इस समय ऐसा भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस के नेताओं के बीच जो संवाद हो रहा है, वह खासा महत्वपूर्ण है और इसका मतलब यह है कि अजित पवार के गठबंधन से तुरंत नतीजा नहीं मिलने की संभावना है। हालांकि शरद पवार ने इसे ताकत देते हुए कहा है कि अजित पवार इन बातों को बेहतर जानते हैं और उनकी कोई बात नहीं, छुटकारा तक नहीं चाहते।
इस पूरी गतिविधि को देखते हुए आम जनता महाविकास अघाड़ी के भाजपा के साथी बनी कांग्रेस की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए बेहद रुचि और उत्सुकता से यह देख रही है। आम जनता के अलावा, राजनीति के दायरे में जो लोग सदैव खड़े रहते हैं, उन्हें भी यह खबर काफी प्रभावित कर रही है। उनमें से बहुत से लोग सोच रहे हैं कि शरद पवार के इस कदम से महाविकास अघाड़ी को भाजपा के साथ मंथन करने का एक नया खतरा पैदा हो सकता है। उम्मीद है कि भविष्य में इस विषय पर और भी विस्तृत तथ्यों की जानकारी आएगी।
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