शरद पवार की अगुवाई वाले धड़े की सुनवाई में शक्ति प्रदर्शन हुआ। शरद पवार की नेतृत्व में एनसीपी की विस्तारित कार्यसमिति ने विश्वास जताया। पार्टी से अलग होने वाले प्रतिनिधियों की हरकतों की कड़ी निंदा करते हुए बैठक में व्यक्त की गई। शरद पवार ने कई चिह्नों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है, जैसे की घड़ी, गाय और बछड़ा। वह बताया कि उन्होंने और उनके पार्टी के सदस्यों ने शरद पवार के नेतृत्व में चुनाव की तैयारी कर रखी है। उन्होंने कहा कि चुनाव चिह्न बदलने से लोग अपना इरादा नहीं बदलते हैं। प्रफुल्ल पटेल को विभाजन के लिए निशाने पर लिया गया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नाम और चिह्न पर अजित पवार और शरद पवार के धड़ों के दावे पर भी सुनवाई होगी।
महान कार्यसमिति पर की गई सुनवाई में शक्ति प्रदर्शन हुए शरद पवार के धड़े
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के आगामी दौर में शक्तिशाली नेताओं में से एक शरद पवार की अगुवाई वाले एनसीपी के धड़े की सुनवाई आयोग द्वारा आयोजित की गई। इस सुनवाई में शरद पवार ने अपने उपनेता के रूप में तमिलनाडु के डीएमके के पक्ष बनाते हुए कई उन्नत कदम उठाए। प्रतिपक्ष में विरोध करने वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की विस्तारित कार्यसमिति ने शरद पवार के नेतृत्व में विश्वास जताया।
सुनवाई में उज्जवल पवार, दीपक भोसले जैसे पार्टी से अलग होने वाले प्रतिनिधियों की हरकतों की कड़ी निंद की गई, उन्हें अलग होने की वजह कोई भी माफी नहीं मिली। इसके अलावा पवार ने कहा कि वे और उनके पार्टी के सदस्य शरद पवार के नेतृत्व में चुनावों की तैयारी कर रहे हैं, जिसे वह पूरी धैर्यवानी के साथ योग्यता से और्थोडॉक्स सी तरीके से लेने का इरादा रखा है।
पवार ने अपने चुनाव दावों को लेकर भी रोचक वक्तव्य दिया है जहां उन्होंने कहा कि वे अभी तक कई चिह्नों पर चुनाव लड़ चुके हैं, जैसे घड़ी, गाय और बछड़ा। इन चिह्नों को बदलने और अपना इरादा बदलने को लोग तब भी तैयार रहे हैं, जब वे कुछ असामान्य कर्मचारियों के सहयोग से खुद को चुनावी दावे में मददगार सिद्ध करेंगे।
वहीं, महान कार्यसमिति की बैठक में प्रफुल्ल पटेल को विभाजन के लिए निशाने पर लिया गया है। उनके खिलाफ कार्यसमिति ने कोई ठोस आरोप तो नहीं रखा है लेकिन विभाजन के मुद्दे को लेकर पटेल के प्रतिष्ठान पर संदेह সाध रही है। विभाजन वाला मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नाम और चिह्न पर अजित पवार और शरद पवार के धड़ों के दावों का भी विषय होगा।
यहां तथ्य यह हैं कि एनसीपी ने पिछले लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ मिलकर पांच सीटें जीती थी, जबकि राष्ट्रीय कांग्रेसी पक्ष को एक सीट भी नहीं मिली थी। इससे प्रकट हो रहा है कि फिलहाल दूसरे चुनावों के नाम पर महाराष्ट्र में अपने धड़ों की चर्चा करने के मामले में अजित और शरद पवार अपार रूचि रख रहे हैं। इस बिच में इस न्यूज़ का खेसरीबाल का हमेशा का ध्यान रखें –सम्पादक विवेक भट्ट हैं
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