सऊदी अरब द्वारा पाकिस्तान को संभालने की घोषणा के बावजूद, आखिरकार पाकिस्तान के जनरलों को मुंह छिपाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। नवम्बर 2018 में, पाकिस्तान के पड़ोसी देश सऊदी अरब ने देश को आर्थिक मदद करने की बजाय इसे 11 महीने तक ना-ना कर दिया था। यह एक मुश्किल दौर था जब पाकिस्तान अपनी आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहा था।
जब सऊदी अरब ने इसके बाद पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर का कर्ज दिया, तो पाकिस्तानी सरकार ने यह माना कि उनकी पूरी आर्थिक चालीसगाड़ी सऊदी अरब के हाथ में है। हालांकि, हाल ही में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को एक और झटका देकर उन्हें अनिश्चितता में डाल दिया है।
इस भारी झटके के मुख्य कारण के अनुसार, सऊदी अरब ने अচह】आ कहा है कि पहले पूरे कर्ज के लिए वह पाकिस्तान को शरण दे, उसके बाद ही वह अपने वादे को पूरा करेगा। तत्पश्यता में, पाकिस्तान के जनरलों का यही चाव रह गया है। उन्हें चिंता है कि यदि सऊदी अरब पूर्ण रूप से नहीं बहुत हुआ तो वह अपने बाकी कार्यों को सम्पन्न कैसे करेगा।
इस घटना ने दिखाया कि पाकिस्तान अपनी आर्थिक स्थिति में गहरी तालमेल कर रहा है। इसके अलावा, इसने भी प्रमाणित किया कि यह मेहनत के समय परिणाम लाएगा जब परदे के पीछे बड़े-बड़े अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी खड़े होंगे। आशा है कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच के आर्थिक संबंधों का विकास जल्द ही होगा और पाकिस्तान अपनी आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पा सकेगा।
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