जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्होंने अनंतनाग जिले में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ‘घेर’ लिया है। यह घटना पिछले हफ्ते में हुए मुठभेड़ के बाद हुई है, जिसमें तीन सुरक्षा बल के अधिकारी शहीद हो गए थे।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने ट्विटर पर बताया कि कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट ने यह अभियान नेतृत्व किया और अपनी प्राणों की आहुति दी। सेना ने इन आतंकवादियों को घेरने के लिए तत्परता दिखाई और 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर, एक मेजर रैंक के अधिकारी और एक पुलिस उपाधीक्षक भी इस घटना में शहीद हो गए थे।
जम्मू कश्मीर पुलिस के सेवानिवृत्त महानिरीक्षक गुलाम हसन भट की परिवार को इस घटना का झटका लगा है, जिनके बेटे की मृत्यु के कारण उन्होंने सेना और पुलिस परिवार की मदद करने का फैसला किया था। इसमें इन आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में ले जाने का प्रयास भी हो रहा है, और सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति का आकलन करने के लिए मौके पर भेजा गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सेना के जवानों पर हमला किये जाने वाले इन आतंकवादियों ने पहले भी कुलगाम जिले में हमला किया था, और तब तीन जवान शहीद हो गए थे। इसमें बताया जा रहा है कि इन घटनाओं का जिम्मेदार माना जा रहा है लश्कर-ए-तैयबा का छद्म समूह प्रतिबंधित रेजिस्ट्रेशन फ्रंट।
यह घटना दे रही है देश को भयंकर झटका, जो शहीद जवानों के परिवारों के लिए एक अनार्थक नुकसान है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाले हमारे वीर जवान हमेशा हमारे सरोकार होते हैं, इसलिए हमें उनके बलिदान का सम्मान करना चाहिए।
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