पानीपत में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं और अब तक 31 मामले सामने आए हैं। यह समस्या सिर्फ गांवों के ही साथ नहीं, बल्क बाहरी कॉलोनियों से भी बहुत बढ़ रही है। इसके अलावा शहर की अशोक विहार कॉलोनी से 3 मामले, थर्मल कॉलोनी से 2 मामले, खुखरीन गांव से 2 मामले और बापोली से 1 मामला सामने आए हैं। यह समस्या पिछले कुछ सालों में भी हर बार उठती आ रही है।
डेंगू के सामान्यत: गर्मी के मौसम में अधिक मच्छर और मौसमी परिवर्तनों के कारण यह समस्या बढ़ जाती है। 2017 में कुल मिलाकर 469 मामले सामने आए, 2018 में 133 मामले, 2019 में सिर्फ 4 मामले, 2020 में 272, 2021 में 2 मौतें और 287 मामले, और 2022 में सकारात्मक मामले सामने आए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के पास कोई आधिकारिक सूचना नहीं है कि कितने मामले उनके पास हैं लेकिन सरकारी प्रमाणिक आंकड़े के अनुसार, अभी तक केवल 31 मामले सामने आए हैं। ये ऐसे कलेक्टरेट के क्षेत्र जहाँ बारिश के पानी जमा होने की संभावना होती हैं, उन क्षेत्रों को अभी तक नामित करना कठिन है।
इस मामले में ऐसे हजारों घर में अभी तक उंगली उठाई जा चुकी हैं और व्यापारी भी छुट्टी पर नहीं जा सकते हैं। नगर निगम के तहत पूरी ताणेव लगाई गयी है। इन 155 टीमों में एडीज मच्छर के प्रजनन की जांच के लिए गठित की गई हैं, जिसमें 30 जांचकर्ता काम पर हैं। इसके अलावा डेंगू से संबंधित सभी जानकारी को संग्रहित करते लगातार कक्षाएं भी चलाई जा रही है।
अब तक डेंगू के 4,591 घरों ही में लार्वा पाया गया है। इनमें से 4,079 लोगों को भी डेंगू के प्रति सतर्क कर दिया गया है। 18 वार्डों में भी डेंगू के ममले कम हैं, इसलिए अभी तक डेंगू आइसोलेशन वार्डों में केवल 68 बिस्तर स्थापित किए गए हैं। नगर निगम के पास 18 मशीन हैं जबकि पंचायती राज विभाग के पास 34 मशीनें हैं।
यह सभी सड़कों पर पानी प्रदान करते हैं जिनका मंदिरा बांधने से इन्फोग्राफिक तैयार किया चुका है। नगर निगम बली के मंदिराॅं के पाठ डेंगू की संख्या बड़ी हुई है। डेंगू के मामलों की संख्या मॉनमेंटरिंग की जा रही है। आरटी.आई कम की गई है और उनमें संलग्न हमदर्दी सलाहकारों को भी एडीज लगाई गई है.
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