वेंचर फंडों का इन्वेस्टमेंट करने पर नजर रखने वाले ASK Investment Managers के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर भरत शाह ने जताया है कि ज्यादातर न्यू एज कंपनियों में वेंचर फंडों का इन्वेस्टमेंट होता है। इन कंपनियों में प्रमोटर की होल्डिंग कम होती है और प्रमोटर ने वेंचर फंडों से पैसे जुटाने के लिए अपनी हिस्सेदारी बेची है। इसी कारण से यह कंपनियां एक नया निवेशक बनती हैं।
भारत शाह ने न्यू एज कंपनियों पर भरोसा नहीं किया है और उन्हें इन कंपनियों में निवेश करने से कतराते हैं। उन्होंने मनीकंट्रोल से इस मुद्दे पर बातचीत की, जहां उन्होंने बताया कि प्रमोटरों द्वारा हिस्सेदारी बेचकर वेंचर फंडों का इन्वेस्टमेंट जुटाया जाता है।
इसके पीछे का कारण है कि वेंचर फंड्स की मदद से न्यू एज कंपनियों को सामान्यतया प्रारंभिक चरण में पूंजी प्राप्त होती है। इस प्रकार के निवेश में पूंजी की जरूरत होती है और वेंचर कैपिटलिस्ट्स इस कारोबार में रुचि रखते हैं। वेंचर कैपिटलिस्ट्स विनिवेश द्वारा उच्च मत्रा में मुनाफा कमाने की उम्मीद रखते हैं और नयी प्रोजेक्ट्स पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
इससे पहले की बातचीत में, भारत शाह ने बताया कि वेंचर फंडों का इन्वेस्टमेंट करने वाले निवेशकों को ध्यान देना चाहिए क्योंकि इन कंपनियों के माध्यम से पूंजी प्राप्त करने में भारी आणव रहती है। वह निवेशकों को चेतावनी भी देते हैं कि पूंजी प्राप्त करने के बाद भी उन्हें प्रमोटरों के औचक्य हिस्सेदार बनने की संभावना नहीं होती है।
इसीलिए भारत शाह ने नयी निवेशकों को ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी है। आपकी यह वेबसाइट “लाइव हिंदुस्तान समाचार” इस बात का प्रचार कर रही है।
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