“मणिपुर में हिंसा की वजह है – बढ़ती तनावपूर्ण स्थिति”
लाइव हिंदुस्तान समाचार, मणिपुर: नागरिकों की जानलेवा हिंसा बढ़ते गतिरोध की वजह से हो रही है। शनिवार को हुई हिंसा के चलते कम से कम 6 लोगों ने अपनी जानें गंवायी हैं।
इस विषय में पुलिस ने बयान जारी किया है कि पिछले दिनों मैतेई समुदाय के तीन लोगों की गोली से हत्या की गई है। वाहन से उतरते ही उन्होंने तीसरे युवक को भी निशाना बनाकर मर डाला। इसके अलावा चुराचांदपुर जिले में कुकी समुदाय के दो लोगों की हत्या कर दी गई है।
राज्य में 3 मई से हींसा की चपेट में है। यह तनाव विष्णुपुर के आईआरएफ शस्त्रागार पर हमले में एक जवान की मौत के बाद शुरू हुई है। पीछले हफ्ते प्रशासन ने क्वाता में हुई 35 लोगों की गैर शहीद समारोह का आयोजन किया था, लेकिन भीड़ की वजह से इसे रोक दिया गया। मैतेई समुदाय ने इस समारोह का विरोध किया और इसके बाद हिंसा फैल गई।
इस तनावपूर्ण माहौल के चलते मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स के सैनिकों के बीच एक वीडियो में बहस जारी है। इस कानून व्यवस्था के प्रश्नसर्त वीडियो को राष्ट्रीय मीडिया ने खूब दिखाया है।
इसके अतिरिक्त, राज्य के कई इलाकों में बफर जोन बनाने के लिए सड़क पर वाहन खड़ी की गई है। इससे तनावपूर्ण माहौल बढ़ गया है।
मोंगचाम इलाके में सेना के सैनिकों ने एक उग्रवादी को पकड़ लिया है। वह बिफर शस्त्रों के साथ पकड़ा गया है। राज्य के अनेक स्थानों पर हमले के बाद सेना को खड़ा होना पड़ा है।
यहां उल्लेखनीय है कि हाउबाजार विधायक ने सुरक्षाकर्मियों पर अवहेलना का अरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि तनावपूर्ण हालात में इन संसाधन संबंधी खामियों के कारण ही यह हादसा हुआ है।
जहां एक और दिन रहता है सुरक्षा का आह्वान, वहीं मुख्यमंत्री एन. बिरेन, कुंगगदभील और अन्य नेताओं ने भी जनता को तनाव मुक्ती के लिए अपील की है।
इस खबर के अनुसार यह स्पष्ट हो रहा है कि मणिपुर में हिंसा का दौर अपनी चरम सीमा तक पहुंच चुका है। प्रशासन और संबंधित संगठनों को इसे तत्परता से देखना चाहिए ताकि देश निर्विघ्नता के साथ आगे बढ़ सके।
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