‘लाइव हिंदुस्तान समाचार’: भारत में रूस और अन्य देशों से कच्चे तेल का आयात कम
अगस्त माह में भारत की ओर से रूस से आयात किए जाने वाले कच्चे तेल में गिरावट देखने को मिली है। एनर्जी कार्गों टैकर कंपनी वोर्टेक्सा के अनुसार, अगस्त में रूस से प्रतिदिन 14.6 लाख बैरल की खरीद हुई है। महज कुछ ही महीनों पहले यह संख्या 18 लाख बैरल थी। रूस से आयात सबसे बड़े कारक रहे हैं।
मानसून के कारण मांग में आई नरमी का कारण बताया जा रहा है। नरम मानसून ने कुछ विपणन एक्सपर्ट यह कहते हैं कि तेल की मांग पर नकारात्मक प्रभाव डाल दिया है। इस ट्रेंड के साथ ही अमेरिका और यूएई भी कच्चे तेल के आयात में कमी का अनुभव कर रहे हैं।
इसके साथ ही, भारत की ओर से आयात किए जाने वाले कुल कच्चे तेल में भी 7 प्रतिशत की गिरावट आई है। रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से प्रतिदिन 44,500 बैरल कच्चे तेल का आयात करता था। लेकिन अब इसमें से केवल 14,000 बैरल ही आयात हो रहें हैं। इसके साथ ही, भारत के अन्य प्रमुख आयात देशों से भी कच्चे तेल का आयात कम हो रहा है।
सऊदी अरब ने हाल ही में कच्चे तेल के आयात को बढ़ाकर खुद को भारत के सबसे अधिक आयात सप्लायर बना लिया है। इसके साथ ही, रूस सदियों से भारत का सबसे अधिक कच्चे तेल का सप्लायर रहा है। लेकिन अगस्त माह में भी रूस से आयात में कमी आई है। रूस और अन्य देशों से कच्चे तेल के आयात में कमी के चलते कच्चे तेल के दामों में भी गिरावट हुई है। इस आयात की घटनाओं का सीधा प्रभाव यह है कि उन्नत खुदरा मूड में भी तेल के दामों में कमी आई है।
इस प्रकार, तेल पदार्थों में मांग कम हो जाने के कारण भारत में रूस, अमेरिका, यूएई और अन्य देशों से कच्चे तेल का आयात कम हो गया है। इस स्थिति में रूस और अन्य आयात सप्लायर्स को अपनी सप्लाय लेवल्स को बढ़ाने के लिए नए सफ़र की जरूरत है।
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