बिहार के पटना में पिछले सप्ताह एक चिंताजनक खबर सामने आई है। पटना के एक जनसंख्या के बढ़ जाने के कारण, इसके डेंगू की मरकरीली बीमारी का खतरा बढ़ गया है। हाल के दिनों में छानबीन कार्यक्रम के दौरान, पटना में लाखों सैंपलों की जाँच हुई। इसमें से 109 सैंपलों में सीरोटाइपिंग के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इनमें से 81 सैंपलों में डीईएनबी-2 और 3 स्ट्रेन पाए गए हैं।
इस एक्सपर्ट सैंपलिंग के बाद, वैज्ञानिक समुदायों को डेंगू मुक्ति के लिए खुशखबरी मिली है। डीईएनबी-2 और 3 स्ट्रेन तीव्र और उत्तेजक माने जा रहे हैं। इन स्ट्रेन के खतरे की चेतावनी दी जा रही है, क्योंकि इनसे होने वाला इन्फेक्शन गंभीर हो सकता है। साइंटिस्टों ने बताया कि ये स्ट्रेन हेमोरेजिक फीवर का कारण बन सकते हैं, जिसमें प्लेटलेट्स की कमी और शरीर में ब्लीडिंग हो सकती है।
वैज्ञानिकों ने इन स्ट्रेन के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की अपील की है। वे लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे अगले बचाव उपायों के बारे में जानकारी लें और सावधानी बरतें। अधिक से अधिक सफाई बरतें और घरों में मच्छरों के घरों में नियंत्रण के उपाय अपनाए।
इन बचाव कार्यक्रमों के अलावा, डेंगू के मरकरीले स्ट्रेन के बारे में उच्च सावधानी बनाए रखने की मांग की जा रही है। यहां ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के मामले में भी अत्यधिक ध्यान देने की सलाह दी जा रही है। वैज्ञानिकों की इस रिसर्च ने डेंगू के वीरल संक्रमण से जुड़ी वैज्ञानिक जाँचों को मजबूत बना दिया है और इसे इस समस्या से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार किया जा सकेगा।
इस पुरी खबर के आधार पर, पटना के नागरिकों को अधिक से अधिक संज्ञान में रहने के लिए कहा जा रहा है। बिना मच्छरों के साथ खेलने, जॉगिंग या जहां डेंगू मच्छरों का संदेशान सबसे अधिक है। सभी लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके घरों में साफ़-सफाई सभी समय बनी रहे और खुद को हर समय रखें स्वच्छ।
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