कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नई संसद के डिज़ाइन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि नई संसद में सदस्यों के बीच बातचीत और मेल जोल की जगह नहीं है। इससे पहले, पुरानी संसद भवन में ऐसी सुविधा उपलब्ध थी। जयराम रमेश ने कहा है कि नई संसद भवन में खुलेपन की कमी है और अतिरिक्त जगह नहीं है। पुरानी संसद भवन में बेहतर खुलेपन और उपयोग की सुविधा थी। वे नई संसद भवन में कर्मचारियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी का दावा भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि नई संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के उद्देश्यों को पूरा करता है, लेकिन संसद के कर्मचारियों को नई संसद में सुविधाएं नहीं मिलेंगी। संसद में बैठने वालों को परामर्श लेने की जगह भी नहीं है।
300-400 शब्दों की खबर हस्ताक्षरी किए जा रही है, नई संसद भवन का विमोचन अगले माह होने जा रहा है। जयराम रमेश ने इस बात पर विचार किए हैं कि नई संसद भवन का डिज़ाइन सभी सदस्यों की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा है कि पुरानी संसद भवन में सदस्यों के बीच बातचीत और मेल जोल की जगह उपलब्ध थी, जो नई संसद भवन में नहीं है। पुरानी संसद भवन के खुलेपन और उपयोग की सुविधा नई संसद भवन में नहीं देखी जा सकती है।
जयराम रमेश ने कहा है कि नई संसद भवन में अतिरिक्त जगह कम है और कर्मचारियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। वे इसे प्रधानमंत्री मोदी के उद्देश्यों के अनुरूप नहीं मानते और कहते हैं कि संसद के कर्मचारियों को नई संसद में सुविधाएं नहीं मिलेंगी। वे नई संसद में स्थित परामर्श कार्यालय व कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण कक्षों की कमी को लेकर चिंतित हैं।
इससे पहले, जयराम रमेश ने पुरानी संसद भवन की सुविधाओं की प्रशंसा की थी। उन्होंने बताया कि पुरानी संसद भवन सदस्यों को समय पर और सराहनीय ढंग से कार्य करने की सुविधा प्रदान करता है।
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