पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर 832 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा हुआ है। उनके खिलाफ अटॉर्नी जनरल ने 2 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की मांग की है। यह अटॉर्नी जनरल के मुताबिक, ट्रम्प ने अपनी संपत्ति की जानकारी में झूठा दावा करके बैंक लोन और बीमा प्रिमियम प्राप्त किए हैं। ट्रम्प और उनके बेटों के न्यूयॉर्क में सभी बिजनेस पर बैन लगाने की भी मांग की गई है।
इस संबंध में यह जारी सूचना दिलाती है कि न्यूयॉर्क अटॉर्नी जनरल का केस सिविल है और ट्रम्प पर क्रिमिनिल चार्जेस नहीं लगाए जा सकते। उन्होंने ट्रम्प के खिलाफ 5 साल के कमर्शियल रियल एस्टेट बैन की अपील भी की है।
ट्रम्प, आरोपों को झूठा बताते हुए अपनी और अपने फैमिली की रेपुटेशन को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, यह उनके लिए आसान नहीं होगा क्योंकि पहले से ही 19 केस चल रहे हैं, जिनमें कई गंभीर आरोप हैं।
यह आरोप आये हैं ट्रम्प के संगठन के बाद के कार्यकाल में, जब उन्होंने अमेरिका की सबसे शक्तिशाली गरज का पदभार संभाला था। इसलिए, इस केस को लेकर जनता का ज्यादा ध्यान है।
लेकिन उनके खिलाफ आरोपों की खारिजी के मामले में जल्दबाजी बरती जानी चाहिए। सच्चाई का पता लगाने के लिए न्यायिक प्रक्रिया का आदान-प्रदान पूरा होना चाहिए और डोनाल्ड ट्रम्प के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
यह केस पूरे विश्व के सामरिक और राजनैतिक मायनों को भी प्रभावित कर सकता है। अगले कई महीनों में आने वाले कार्यक्रमों में अटॉर्नी जनरल के इस कदम का प्रभाव देखा जा सकता है।
न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल की अपील पर आगे क्या होगा, इसको अभी कुछ ज्यादा देखा नहीं जा सकता है। लेकिन इसकी सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ध्यान रख रही है।
लंबी कड़ी चल रही लड़ाई सिर्फ ट्रम्प की ही नहीं है, बल्कि वे देश, विश्व और उन्हें समर्थन देने वाले लोगों के बीच भी लड़ रहे हैं। इस घड़ी में वे अकेले नहीं हैं, बल्कि उनके पीछे एक बड़ा दल खड़ा है जो उन्हें समर्थन दे रहा है।