कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान भारत में विद्यार्थियों और टीचर्स की सुरक्षा के बारे में चिंता बढ़ी हुई है। मंगलवार को सरकार ने फिर से विद्यालयों को खोलने का फैसला लिया है। लेकिन, इससे जुड़ी एक बड़ी चिंता यह है कि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण लोगों के मन में डर और चिंता बढ़ रही है।
इस मामले में, शिक्षकों को बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखना होगा, लेकिन खुद की सुरक्षा के बारे में भी सोचना होगा। विशेषज्ञों के मानने पर, अगर यह संकटीय समयों में छात्रों को विद्यालयों में ले जाने का फैसला होता है, तो यह नए सुरक्षा प्रोटोकॉल का थोड़ा सा भी लापरवाही महंगा पड़ सकता है। इसके लिए कुछ अभिभावक और छात्रों को चिंता है कि क्या यह फैसला सही है।
सरकार को विद्यालयों में पूरी तरह सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियमों और दिशानिर्देशों का आदान-प्रदान करना होगा। शिक्षा मंत्रालय को छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सुरक्षा नियमों के पालन की जांच नियमित रूप से की जानी चाहिए और कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए जहां भी ये नियम तोड़े जाते हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं, शिक्षा महत्वपूर्ण है और छात्रों के लिए जरूरी है। लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा हमारी प्राथमिकता बनी रहे। लाइव हिंदुस्तान समाचार की आंचलिक टीम ने यहां आपको बताया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान विद्यार्थियों और टीचर्स की सुरक्षा पर कैसे उठे सवाल।
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