कोरोना महामारी के बाद से वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बढ़ गया है। यह एक ऐसी तकनीक है, जिसके द्वारा लोग अपने घरों से ही काम कर सकते हैं और इससे ट्राफिक, समय और ऊर्जा की बचत होती है। हालांकि, WFH करने के कारण लोगों की सेहत पर कई नुकसान हो सकते हैं।
वर्क फ्रॉम होम करने से शारीरिक गतिविधि कम होती है जिससे हड्डियों और जोड़ों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। शोधों के अनुसार, बैठते समय कार्य करने वाले लोगों के शरीर के इस्तेमाल से उत्पन्न हड्डी का घनत्व कम होता है जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
वर्क फ्रॉम होम करने से सूर्य की रौशनी और बाहरी माहौल का अभाव होता है और विटामिन डी की कमी हो सकती है। विटामिन डी की कमी के कारण कई लोगों को हड्डी और मांसपेशियों की कमजोरी हो सकती है। इसके अलावा काम करते समय कुछ लोगों के लिए खराब एर्गोनॉमिक्स हो सकती है, जिससे हड्डियों और मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है।
धड़ल्ले में बैठने से दिल की समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। सही पोजिशन में बैठने के बजाय, गलत पोजिशन में बैठने से रीढ़ की हड्डी पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और इससे पीठ दर्द और रीढ़ की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, स्पेशलिस्टों का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम करते समय सही पोजिशन में बैठने का ध्यान रखा जाए।
खासकर लोगों को बाहर रहने के बजाय घर में अधिक समय बिताने के कारण सोशल इंटरेक्शन कम होता है जिससे कुछ लोगों को टेंशन या अकेलापन की समस्या हो सकती है।
इसलिए, स्वास्थ्य के लिए में लोगों को वर्क फ्रॉम होम करने से पहले सावधान होना चाहिए और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वर्क फ्रॉम होम भले ही अधिक सुविधाजनक हो, लेकिन सेहत की दृष्टि से इसके कारण होने वाले नुकसान का भी ख्याल रखना जरूरी है।
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