कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने हाल ही में ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को चुनावी जुमला बताया है। उन्होंने यह कहा कि नोटबंदी, ग़लत GST और कोविड-19 लॉकडाउन के चलते सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बहुत हानि पहुंची है। जयराम रमेश ने इस योजना में कपड़ा, चमड़ा, धातु और लकड़ी जैसे कामों को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के असंतोष को देखकर वे इसको चुनावी जुमला मानते हैं। जयराम रमेश ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की रिटायरमेंट का समय आ गया है और जनता दोबारा मूर्ख नहीं बनेगी।
नोटबंदी, GST और कोविड-19 के मामले में उद्यम बहुत ही प्रभावित हुए हैं। इन घातक परिस्थितियों के चलते बहुत से छोटे उद्यम दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था में बड़ी हानि पहुंचाए हैं। जयराम रमेश ने इस बात का जिक्र करते हुए कहा है कि विश्वकर्मा योजना का उद्घाटन एक सामान्य चुनावी जुमला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के असंतोष को देखकर कांग्रेस इस योजना को तारीफ नहीं कर सकती है। जयराम रमेश ने कहा कि यह समय प्रधानमंत्री की रिटायरमेंट के समय के बराबर है और अब जनता फिर से मूर्ख नहीं बनेगी।
‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का मुख्य उद्देश्य कमजोर सूक्ष्म और लघु उद्यमों को समर्थन करना है। इस माध्यम से उन्हें उनकी स्थिति में सुधार करने की आवश्यकता है और उन्हें व्यापार में अधिक मजबूत करने का अवसर देना है। योजना के अंतर्गत कपड़ा, चमड़ा, धातु और लकड़ी जैसे काम शामिल हैं। इसके अलावा, योजना का मुख्य ध्येय है कि छोटे उद्यम अपनी व्यापारिक सुविधाओं को मजबूत करें और इसके लिए आपूर्ति श्रृंखला में सुधार किया जाए। जयराम रमेश ने इस योजना को चुनावी जुमला बताया है, लेकिन इससे दिखता है कि कांग्रेस प्रधानमंत्री के कार्यों से संतुष्ट नहीं है और इसलिए उन्होंने इसे छोटा बचा लिया है।
प्रधानमंत्री की रिटायरमेंट का समय अधिकतम हो गया है और जयराम रमेश ने यह कहकर वादा किया है कि आम जनता अब मूर्ख नहीं बनेगी। जयराम रमेश ने कहा कि यह समय आ चुका है जब छोटे उद्यम अपने अधिकारों की रक्षा करें और इसके लिए खुली लड़ाई करें। वे इस योजना को चुनाव का मुदा साबित करने के साथ-साथ नवीनतम चुनावी तकनीकों का भी खुलासा करते हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री के पक्ष में यह उठापटक पूरी तरह से असामान्य है और कांग्रेस इसे दूरसंचार के माध्यम से साबित करने का प्रयास कर रही है। जयराम रमेश ने अपनी बात क जारी भी रखी है कि उन्हें विश्वकर्मा योजना के पक्ष में आवश्यक जानकारी मिली है और उन्हें यह भी पता है कि इसके माध्यम से कौन-कौन से उद्यमों को समर्थन मिलेगा।
इस पूरे मुद्दे पर बातचीत अपेक्षित है, क्योंकि यह विषय छोटे उद्यमों को सीधे प्रभावित करता है। प्रधानमंत्री की योजनाओं की मदद से ही उद्यमों को मजबूत रखा जा सकता है और उनके विपथ पर रोशनी डाली जा सकती है। इसलिए, इस मामले की जांच के लिए अखबारों द्वारा और अधिक संबद्ध लोगों द्वारा आवाज उठेगी। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी इसके संबंध में गंभीरता से बातचीत करेंगे और उपयुक्त समाधान ढूंढ़ेंगे।
“Prone to fits of apathy. Devoted music geek. Troublemaker. Typical analyst. Alcohol practitioner. Food junkie. Passionate tv fan. Web expert.”