छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा चुनावों का आयोजन होने वाला है। यह चुनाव राज्य के लोगों के वोट के माध्यम से राजनीतिक नेताओं और दलों की मजबूती का आकलन करने का एक महत्वपूर्ण पटरी है। इस समय एक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ध्यानाकर्षण हो रहा है।
विधानसभा चुनाव के पहले जारी सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी की सरकार एक बार फिर से बनने की संभावना है। यह रिपोर्ट छत्तीसगढ़ में प्रचलित राजनीतिक माहौल और जनसमर्थन के आधार पर तैयार की गई है। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी की कुशलता, प्रदेश में लोकप्रिय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रशंसा और विभिन्न कार्यक्रमों में निवेश इस सर्वे में आवश्यक माने जा रहे हैं।
इस वर्ष के चुनाव के मुकाबले पिछले वर्ष की तुलना में भाजपा की सीटें बढ़ सकती हैं। इसे देखते हुए भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं ने चुनावी मोर्चों पर जोरदार कार्रवाई की है। यहां उनकी योजना कांग्रेस पार्टी को परेशान करने की है। भाजपा के प्रमुख नेता अमित शाह द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय कार्यकर्ताओं की तैयारी में बढ़ोतरी की गई है।
हालांकि, विधानसभा चुनाव के मुकाबले बीच-बीच में प्रश्नों की भारी मात्रा उठने की संभावना है। इस चुनाव का मुकाबला कांटेक्ट सिर्फ दो पार्टियों के बीच होगा, जो अभी रिपोर्ट में बड़ा उभरता दिख रहा है। दोनों पार्टियों के नेता अपनी-अपनी सरकार बनाने के लिए जनता को अपनी ओर खींचने का प्रयास कर रहे हैं।
इस तरह के घमासान से दर्शकों के लिए यह चुनाव काफी रोचक होने की संभावना है। चुनाव तारीखों का बना रहेगा इंतजार, जब तक कि यह देश के राजनीतिक मंच पर बड़ी हलचल मचा सके। नई सरकार के लिए वोट करने वाले लोगों की उम्मीदें और उनके अधिकारों के सवाल भी जरूर होंगे।
इस इंट्रिग का मुकाबला टेंशन और मस्ती के साथ होने वाला है, जहां जीत-हार दोनों ही हासिल हो सकती हैं। विधानसभा के चुनाव में मतदान करने के लिए भारतीय नागरिकों के उसूलों पर भी लंगरी चढ़ी है। इसलिए यह चुनाव सिर्फ मतदाताओं को ही नहीं, बल्कि देश को भी नई संघर्षों की ओर बढ़ाएगा।
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