व्यावसायिक सुरक्षा वाहिनी ने ध्यान दिलाया है कि सरकारी व्यवस्था डेंगू के मामलों में सही नहीं है। जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 800 पर पहुंच गई है और रोगियों को निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए पटना और भागलपुर जाना पड़ रहा है। व्यावसायिक सुरक्षा वाहिनी ने सरकारी अस्पतालों में डेंगू के इलाज की व्यवस्था की जांच की है और उसमें उचित और पर्याप्त नहीं है। आम लोगों के लिए इतना महंगा इलाज करवाना संभव नहीं है। नगर निगम ने फागिंग और कीटनाशक दवाओं की शुरुआत की है, लेकिन इससे मच्छरों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है और काफी महंगी एंटी लारवा दवा का पर्याप्त छिड़काव नहीं किया गया है।
सरकारी व्यवस्था के साथ जुड़ी बात करने वाली व्यावसायिक सुरक्षा वाहिनी ने बताया है कि उनके अनुसार सरकारी व्यवस्था डेंगू के मामलों में सही नहीं है। इस बात की जानकारी वह ने पटना के एक स्थानीय आंकड़ों से प्राप्त की है। डेंगू मरीजों की संख्या जिले में 800 पर पहुंच गई है और इसके चलते रोगियों को निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए पटना और भागलपुर जाना पड़ रहा है। पटना व भागलपुर जैसे मनुष्यों के बहुत सारे लोग डेंगू के इलाज के लिए निजी अस्पताल जाना चाहते हैं। इसका मुख्य कारण है कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू के इलाज की व्यवस्था उचित और पर्याप्त नहीं है। डेंगू मरीजों के लिए मुफ्त में निदान और उपचार मिलने चाहिए, लेकिन इसे गरीब लोगों के लिए नहीं किया जाता है। ऐसा करने पर बहुत सारे लोग डेंगू का इलाज नहीं करवाते हैं और अपनी बीमारी के दौरान बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
नगर निगम ने अभी हाल ही में फागिंग और कीटनाशक दवा की शुरुआत की है और आम जनता को मच्छरों के काटने से बचाने का उद्देश्य है। लेकिन इसके पड़ोसी इलाकों में फागिंग के प्रभाव से मच्छरों का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। इसके साथ ही एंटी लारवा दवा का पर्याप्त छिड़काव नहीं किया गया है, जिससे मच्छरों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
लाइव हिंदुस्तान समाचार के इस आर्टिकल में बताया गया कि जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 800 हो चुकी है और उन्हें निजी अस्पतालों में ही इलाज करवाना पड़ रहा है। उन्होंने भी बताया कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू के इलाज की व्यवस्था पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और गरीब लोगों के लिए ऐसा इलाज संभव नहीं है। इसके बाद नगर निगम की फागिंग और कीटनाशक दवा की शुरुआत की जानकारी दी गई है। इसके बाद काफी महंगी एंटी लारवा दवा का पर्याप्त छिड़काव नहीं हो रहा है और इससे मच्छरों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। यह सभी विषय डेंगू के मरीजों और आम जनता को जो जरूरी जानकारी है उसे संबोधित कर रहा है।