उप्र पंचायत चुनाव : नकद की जगह साड़ी, पायल, बिछुआ और नथुनी का उपहार
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पर्दे के पीछे साड़ी, शराब और नकदी बंटने की चर्चा लगभग हर पंचायत चुनाव में सुनने में आती रही है। पर, प्रदेश में 21 वीं सदी का पहला पंचायत चुनाव कुछ नए रंग-रूप में सामने आता नजर आ रहा है। चुनावी मैदान में उतरे तमाम सूरमा पुराने प्रयोगों के साथ समय और समाज के हिसाब से ‘व्यवहार’ बदलकर मतदाताओं को रिझाने में जुट गए हैं।
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के साथ-साथ शादी-विवाह, बहू विदाई जैसे मांगलिक आयोजन भी पड़ रहे हैं। बच्चों के जन्म के बाद वाले बरही, मसवारा व मुंडन जैसे आयोजन हमेशा की तरह पड़ ही रहे हैं। पर, ये आयोजन चुनाव के दावेदारों के लिए मतदाताओं को रिझाने का जरिया बन गए हैं। खास बात ये है कि गांव-गांव होने वाले इस तरह के आयोजनों पर सरकारी तंत्र की खास नजर नहीं होती।
लिहाजा, दावेदार आचार संहिता के द्वंद्व से मुक्त होकर नए प्रयोगों के साथ व्यवहार पहुंचा रहे हैं। यह व्यवहार नकद कम कीमती वस्तुओं के रूप में ज्यादा नजर आ रहा है। कोई साड़ी दे रहा है तो कोई पायल व बिछुआ भेज रहा है। परिवार में वोट अगर ज्यादा हैं और प्रभाव भी पास पड़ोस में तो व्यवहार और भी वजन हो जाता है। यह नथुनी व अंगूठी तक में बदल जा रहा है।
ग्रामीण बताते हैं कि सरकार काफी सख्त है। ऐसे में दावेदार नकदी की जगह सामान को तरजीह देने लगे हैं। वह एहतियात भी बरत रहे हैं। मांगलिक आयोजनों में तो खुद पहुंचते हैं लेकिन व्यवहार समर्थकों के हाथ घर मालिक तक पहुंचाते हैं। इसी तरह दिल्ली, मुंबई, सूरत, लुधियाना, जालंधर जैसे दूर के शहरों में नौकरी कर रहे परिवारों को चुनाव में वोट डालने बुलाने के लिए ट्रेन व हवाई टिकट देने की भी चर्चा खूब है। संवेदनशील छवि के लिए भी दांव
पंचायत चुनाव में प्रलोभन का एक रूप और नजर आ रहा है। कई जगह दावेदार बीमारी ग्रस्त लोगों के इलाज में बढ़चढ़ कर मदद कर रहे हैं। यह मदद वाहन से अस्पताल पहुंचाने, इलाज के लिए भर्ती कराने अथवा दवा आदि के लिए आर्थिक रूप में हो रहा है। आग लगने में बर्तन, कपड़ा, नकदी की मदद भी सामने आ रही है। बताते हैं कि चुनाव के बीच इस तरह की मदद प्रत्याशी अपनी संवेदनशील छवि निखारने में कर रहे हैं। जन्मदिन व वैवाहिक वर्षगांठ की सूचना में फेसबुक बन रहा मददगार
जानकार बताते हैं कि पंचायत चुनाव में जिला पंचायत वार्ड दर्जनों ग्राम पंचायतों को मिलाकर बनता है। इन दावेदारों के लिए फेसबुक सूचना का बड़ा माध्यम बनकर उभरा है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे दावेदार जन्मदिन व वैवाहिक वर्षगांठ की सूची फेसबुक से सुबह ही तैयार करा लेते हैं। ऐसे परिवारों को सुबह-सुबह बधाई-शुभकामना और फिर क्षेत्र भ्रमण के दौरान बुके या गिफ्ट के साथ पहुंचकर आत्मीयता दिखाना प्रचार के नए रूप में सामने आ रहा है।
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दक्षिण क्षेत्र में जहां सपा प्रत्याशी आदिल चौधरी को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया तो वहीं सरधना क्षेत्र में भाजपा विधायक संगीत सोम ने पीठासीन अधिकारी को थप्पड़ मार दिया। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्