ईरान ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन के जरिए हमला किया, इसके बाद वाहेदी ने सुखोई SU-24 बमवर्षकों के जरिए इजरायल पर हमले की धमकी दी। इसके परिणामस्वरूप, ईरान ने 1 अप्रैल को सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इजरायली हमले का जवाब दिया। सूत्रों के मुताबिक, इस हमले के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने नेतन्याहू से संयम बरतने को कहा और ब्रिटिश विदेश मंत्री ने तेल अवीव पहुंचे कर बातचीत के लिए मिलने की समझौता किया।
ईरान के एयरफोर्स के पास 30 SU-24MK हैं, जिससे वे हमले कर सकते हैं। कुल मिलाकर ईरान के पास 551 एयरक्राफ्ट हैं। इस पर ब्रिटेन ने ईरान के गलत कदम की जरूरतको बताया और उन्होंने ईरान के साथ दृढ़ समर्थन का दोहराया।
यहाँ तक कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने चिंता जताई कि इस घटना की वजह से पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है और वे इसे नियंत्रित करने के लिए सहयोग करने के लिए तैयार हैं। दिग्गज राष्ट्र ईरान और इजरायल के बीच तनाव के माहौल में, ब्रिटेन ने सतर्कता बनाए रखने की भी सलाह दी है।
ईरान के इस हमले की चर्चा पूरी दुनिया में है और उसके बाद तनाव बढ़ने की संभावना है। यह एक चौंकाने वाली घटना है जो क्षेत्र में नई चिंताओं का संदेश देती है।
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