ग्वालियर में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, ग्वालियर में सबसे ज्यादा मरीज डेंगू से पीड़ित हैं। इस मामले में लार्वा सर्वे का खास महत्व है। इसी के लिए गुजरात के गांधीनगर से लार्वा सर्वे टीम बुलाई गई।
लार्वा सर्वे के लिए बहुत सारे कर्मचारी होने चाहिए, लेकिन मलेरिया विभाग के पास इतने सर्वे इंस्पेक्टर नहीं हैं। लार्वा सर्वे के काम में इसी वजह से देरी हो रही है। अब तक लार्वा सर्वे में सिर्फ 20,472 घरों में ही लार्वा मिला है। कारण यह है कि कर्मचारियों की कमी के कारण 66 वार्डों में लार्वा सर्वे के काम में समस्या हो रही है।
मलेरिया विभाग के अधिकारी भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपनी परेशानी व्यक्त कर रहे हैं। वे यह मानते हैं कि कर्मचारियों की कमी के कारण लार्वा सर्वे में अंधेरा छा रहा है। इसके वजह से डेंगू पाजिटिव मरीजों के घरों में भी सर्वे करने में असुविधा हो रही है।
मलेरिया विभाग ने इस मामले का गंभीरता से निरीक्षण किया है और इसे तत्परता से हल करने की योजना बनाई है। इससे पहले भी शहर में डेंगू के मामले सामान्य नहीं हो रहे थे और इस समस्या का हल ढूंढ़ने के लिए अधिकारी घूमते रहते थे। अब ये नए मामले इस मसले को और गंभीर बना रहे हैं। लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है और वे खुद अपने आस-पास जगहों का साफ-सफाई करें ताकि मच्छरों के ब्रीडिंग को रोका जा सके।
इसके साथ ही, मलेरिया विभाग ने लोगों से जीना सिकाया भी जा रहा है और डेंगू के संक्रमण से बचने के लिए उपयुक्त उपायों पर ध्यान देने की सलाह भी दी जा रही है। ग्वालियर शहर के लोगों को हर संभव मदद मिलेगी ताकि डेंगू के मामलों को कम किया जा सके और शहर में अच्छी स्वास्थ्य स्थिति बनी रह सके।
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