पाकिस्तान के गिरफ्तार भिखारियों की एक ग्रुप पकड़ी गई है, जिसकी खबर ‘लाइव हिंदुस्तान समाचार’ पर प्रकाशित हो रही है। यह ग्रुप अपने देश से बाहर जाने के लिए सऊदी अरब के वीजा का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा था। अस्तुविक प्रशासनिक सुचारू रूप से निकाले गए रिपोर्ट के मुताबिक, यह ग्रुप एक बच्चा भी साथ लंबे सफर पर ले जा रहा था।
भारतीय रक्षा बलों ने पाकिस्तानी भिखारियों की इस ग्रुप को गिरफ्तार करते हुए एक मुहरत मोदी डब्ल्यू मोड के करीब ज़ोन में किया। गिरफ्तारी के दौरान पाकिस्तानी राष्ट्रवादी पार्टी ने तानाशाही के आक्रमण के लिए भारतीय रक्षा बलों को लाचारी का दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी राष्ट्रीयतावादी पक्षधरों के खिलाफ भारतीय बसपास की महंगी केमिकलों और हथियारों के निर्यात पर रोक के फलस्वरूप उन्होंने आर्मेड फ़ोर्सेज़ के संगठनों की कार्रवाई पर सवाल उठाए।
इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि 90% भिखारियों में से 90% पाकिस्तानी नागरिक हैं। यह स्पष्ट करता है कि पाकिस्तान के अंदर भिखारियों का एक विशेष समूह तैयार होता है जो गणराज्य का बदनाम कर रहा है। यह ग्रुप अपने गरीबी को छोड़ कर विदेश में अधिकतम गतिरोध का पालन करने के लिए गिरफ्तार हो रहा है।
पाकिस्तान सरकार ने इसे देखते हुए कड़ी सुरक्षा की गई है और गिरफ्तारी का विवाद का उपयोग करते हुए भारत की छवि को क्षति पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। अगले दिनों में इस मामले की जांच होगी और न्यायिक प्रक्रियाएं इस मामले में न्याय प्राप्त करने के लिए समयबद्ध लिया जाएगा।
यह घटना पाकिस्तानी गिरफ्तार भिखारियों के खिलाफ भारत-पाकिस्तान संबंधों पर नया मुद्दा खड़ा करेगी, जो पहले से ही कमजोर हैं। यह गर्व और भारतीय अभिभावकों में उग्रता और क्रोध बढ़ाएगी, क्योंकि इस घटना ने साबित किया है कि पाकिस्तान में बांट चुकी गिरफ्तारी की कार्रवाई उंगली पर पकड़ी जाती है और इसका प्रभाव खासकर गरीब लोगों पर होता है।
इस बात का खुलासा करते हुए, सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान का जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा दैनिक जीवन की उधम संबंधी आसान प्राप्त करने के लिए गिरफ्तार भिखारियों के संघर्ष में तत्पर है। धड़ल्ले से, इन भिखारियों का दैनिक रोटी का योगदान पाकिस्तान के कई हिस्सों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है। इन्हें पता होता है कि और कहीं काम न मिलने के कारण गिरफ्तारी कीचड़ की तरह बढ़ती जा रही है और इनका मजदूर श्रम उपयोग करने वाले लोगों अपनी गरीबी के चलते संबल जाएंगे।
इस घटना के बाद लेखक कहते हैं कि भारतीय सुरक्षा बलों की न्यायिक कार्रवाई और इन गिरफ्तारियों पर नजर रखना जरूरी है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि पाकिस्तानी भिखारियों की यह संघर्षपूर्ण अवस्था दूर होती जाए और बांटवारे की प्रणाली को खत्म किया जाए। इसके साथ ही, सऊदी अरब जैसे देशों को भी इन गिरफ्तारियों के वीजा प्रक्रिया पर और अधिक प्रमाणिक करने की आवश्यकता होगी। यह कठिनाइयों को कम करेगा और नियमित विनियामित करेगा, जो गिरफ्तार भिखारियों की गति को रोकने में मदद करेगा।