पाकिस्तान ने अफगान नागरिकों को चरणबद्ध और व्यवस्थित तरीके से निकालने की घोषणा की है। इसके तहत पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने 17 लाख अफगान नागरिकों को इस नई नीति के अंतर्गत देश से बाहर निकालने की योजना बनाई है। यह घोषणा पाकिस्तान के अवैध प्रवासियों को छोड़ देने और कार्रवाई के लिए एक चेतावनी भी है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने बताया कि यह नई नीति केवल अफगान नागरिकों को लक्षित नहीं करेगी, बल्कि यह अवैध प्रवासियों के लिए ही है। इस नयी योजना में पंजीकृत शरणार्थियों को कोई दिक्कत नहीं होगी जो पाकिस्तान में शरणार्थी के रूप में पंजीकृत हैं।
इसमें बिना दस्तावेजों के रहने वाले अफगान शरणार्थी में डर बन रहा है और कई मानव अधिकार समूह इस निर्णय की आलोचना कर रहे हैं। वे मानते हैं कि अफगान नागरिकों को जबरन वापस भेजना उनकी जान को खतरे में डाल सकता है। अफगानिस्तान में हालांकि तालिबान के प्रभाव कायम है और सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया भी चल रही है, लेकिन अब जबरन वापसी का ठीक समय नहीं होना चाहिए।
अब सवाल खड़ा होता है कि पाकिस्तान कैसे इस कठिनाई का सामना करेगा, especially पाकिस्तान की मेजबानी के बाद? क्या पाकिस्तान इस बहुमुखी प्रक्रिया को व्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के उदाहरण की ओर जा रहा है? आगे की प्रगति को लेकर हिंदुस्तान न्यूज का ध्यान बना रहेगा।
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