सिंगापुर में एक महिला को मादक पदार्थों की तस्करी के लिए फांसी दी गई है। महिला का नाम सारिदेवी बिन्ते जामानी था और उन्हें नशीली दवा हेरोइन की तस्करी का दोषी पाया गया है। इसके पहले भी उन्हें 2018 में इसी तस्करी के लिए दोषी ठहराया गया था। फिलहाल, उन्हें 30 ग्राम हेरोइन रखने का दोषी पाया गया है, जिसके कारण उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है।
यह पहली बार नहीं है कि सिंगापुर में महिलाओं को फांसी की सजा दी जाती है। पहले येन मे वोएन को मादक पदार्थों की तस्करी के लिए यही सजा सुनाई गई थी। इसके बाद भी सिंगापुर में किसी महिला को 20 साल बाद फांसी की सजा दी गई है। अगस्त के पहले 3 दिनों में दूसरे व्यक्ति को भी इसी सजा का हिस्सा बनाया गया है।
संख्यागणितिक आंकड़ों के अनुसार, सिंगापुर में नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के खिलाफ मौत की सजा के विरोध में मानवाधिकार संगठन और लोग आवाज उठा रहे हैं। इस मामले में स्थानीय अदालत ने सारिदेवी बिन्ते जामानी की अपील को खारिज कर दिया है।
कोविड-19 महामारी के बाद सरकार द्वारा फांसी की सजा फिर से शुरू की गई थी। यह सिंगापुर में 15वीं मौत की सजा है। इससे पहले सजा सुनाने में 20 साल तक की अवधि आती थी।
सारिदेवी बिन्ते जामानी के खिलाफ दोषसिद्धि और फांसी की सजा के खिलाफ उनकी पुनर्विचार याचिका भी चलाई गई थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया है।
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