सऊदी अरब ने पवित्र कुरान के अपमान के खिलाफ डेनमार्क के राजधानी में अपने राजदूत को तलब किया है. इस मामले में सऊदी अरब ने इस कृत्य पर नाराजागी जताते हुए कहा है कि यह काम धार्मिक शिक्षाओं और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता है और धर्मों के बीच नफरत भड़का सकता है. इसके चलते सऊदी अरब ने मीडिया माध्यम के माध्यम से डेनमार्क के राजदूत के साथ एक विरोध पत्र पेश किया है. सऊदी अरब की मीडिया ने बताया है कि सऊदी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने डेनमार्क के राजदूत के साथ बैठक के दौरान इस मामले को लेकर तलब की थी.
यह मामला डेनमार्क में हुआ था, जहां डेनमार्क के समूह डांस्के पैट्रियट ने एक वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में एक व्यक्ति ने पवित्र कुरान का अपमान किया और आग लगाते हुए दिखाया गया था. यह वीडियो मुसलमान समुदाय में बहुत आपत्ति उत्पन्न कर गया था और इसे देश और विदेश में विराम लगाने का आदेश जारी किया गया था.
इस संबंध में सऊदी अरब और इराक ने जेद्दा स्थित इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक बुलाई थी, जहां पवित्र कुरान के अपमान के बारे में चर्चा होनी थी. इसके लिए दोनों देशों ने विशेष ध्यान दिया और इस मामले में संयुक्त रूप से एक लक्ष्य बनाया.
पाकिस्तान के सम्पर्क ब्यूरो ने भी इस मामले को उठाया है. पाकिस्तान ने कोपेनहेगन में अपने दूतावास के बाहर मुस्लिम पवित्र पुस्तक के अपमान के साथ-साथ राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की निंदा की है.
पिछले महीने, बगदाद, इराक की राजधानी में स्वीडिश दूतावास के बाहर दो बड़े प्रदर्शन हुए, जहां एक समय प्रदर्शनकारियों ने दूतावास के मैदान में तोड़फोड़ की।
इस घटना का विरोध करने वाले कई मुस्लिम देशों ने इस मामले का खुलासा किया है. यह मामला आंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देशों के बीच बड़ी चर्चा और खलबली फैला रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि एक संवेदनशील मामले के बाद, इस्लाम के प्रति समझौते के लिए नई या मजबूत सिफारिशें की जानी चाहिए।
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