‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ ने रिलीज के बाद बवाल मचा दिया है। छत्तीसगढ़ के नक्सली आतंकियों पर आधारित इस फिल्म ने नक्सल समस्या के नए आयाम खोल दिए हैं। फिल्म में तथ्यों पर आधारित कहानी के चलते कर्नाटक और अन्य राज्यों में इसकी प्रदर्शन को रद्द कर दिया गया है।
फिल्म में दर्शायी गई नक्सलियों की क्रूरता ने शो में उतराई भड़ास। अदा शर्मा ने फिल्म में नक्सलियों की गतिविधियों को रोकने के लिए आदिवासियों को फेक एनकाउंटर में शामिल करने के जुर्म का पोर्ट्रेट किया है।
फिल्म के निर्देशक ने माओवाद के मूल कारणों पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है, लेकिन फिल्म की कहानी वास्तविकता से दूर दिखाई दी है। इसके चलते कर्नाटक में फिल्म को सिनेमाघरों में बैन करने की भारेतर की चर्चा हो रही है।
फिल्म में दिखाए गए नक्सली गिरोह के दुष्कर्मों की झलकियां दर्शकों के दिलों में दहलाने वाली हैं। उनके धोखे से हमले और मौत के घाट उतारने से जुड़ी घटनाओं के चलते फिल्म में उम्रिज़ों के नारे मुकाबले कई दर्दनाक मोमेंट्स दिखाए गए हैं।
इस प्रकार, फिल्म ‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ ने अपनी चुनौतीपूर्ण कहानी और नक्सलियों की दुनिया को दिखाने का प्रयास किया है। दर्शकों के बीच इस फिल्म के बारे में मनोवैज्ञानिक चर्चा का सिलसिला चल रहा है।
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