‘लाइव हिंदुस्तान समाचार’ पर स्वागत करते हैं। इस आधार पर हम निम्नलिखित पॉइंट्स को आपकी वेबसाइट के लिए हिंदी में 300-400 शब्दों के बीच में कम करेंगे।
‘पिनाका रॉकेट के बाद अब भारत का स्वदेशी होवित्जर तोप टीसी-40 का पहला बैच आर्मीनिया पहुंच गया है।’
अपनी तकनीकी महामारी और ताकतवर वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में महारत रखने वाले भारत के प्राथमिकता प्रदान करने के लिए एक बार फिर से स्वदेशी तकनीक का दिखावा किया गया है। इस बार हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित और निर्मित होवित्जर तोप टीसी-40 के पहले बैच की एक प्रति आर्मीनिया की आर्मी में सफलतापूर्वक पहुंच गई है। यह स्वाभिमान से भरा क्षण है क्योंकि यह भारतीय थालसेना का सबसे सुरक्षित, सुरम्य और सबसे ताकतवर अस्मि और नगरीय हथियार है। टीसी-40 का पहला बैच जमिन्डारी, स्थानीय आर्मी को और राष्ट्रीय सुरक्षा समुदाय को मजबूत करने के लिए संकल्प बढ़ाने पर प्रमोट किया जाएगा।
‘इस होवित्जर को पूरी तरह भारत में विकसित और निर्मित किया गया है।’
होवित्जर तोप टीसी-40, भारत के अनुप्रयोग के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपकरण होगा। इसे पूरी तरह से भारत में विकसित और निर्मित किया गया है। इसके संरचना में ध्यान दिया गया है कि यह अधिकांश दुश्मनी एवं रूकावटों के खिलाफ लड़ाई में हमारे सैनिकों को पूर्ण रक्षा और सुरक्षा की सुविधा प्रदान कर सकें। इससे सबसे ज्यादा फायदा हिमालयी क्षेत्रों, पहाड़ी क्षेत्रों और आंध्र ओषों में होगा, जहां तंग और विशेष विस्थापन के हालातों में आपदा के समय सैनिकों की सबसे मज़बूत ओर तैनाती चाहिए।
‘टीसी-40 के विकास में भारतीय सेना ने भी योगदान दिया है।’
भारतीय सेना ने टीसी-40 के विकास में अपना अहम योगदान दिया है। विशेषज्ञों और अभियंताओं द्वारा विकसित इस हथियार की संरचना और तकनीक में भारतीय सेना ने अपनी हासिलकी ज्ञान को जोड़कर इसे और बेहतर बनाने में मदद की। भारतीय सेना ने इस बक्से की तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिससे हथियार को अधिक क्रीड़ामय और विश्वसनीय बनाया गया है।
‘पिछले साल भारत फोर्ज ने बताया था कि कल्याणी ने आर्मेनिया के साथ इस गन का सौदा किया है।’
पिछले साल एक बड़ी ख़बर आई थी जिसमें खुशी का ख़बर था कि उद्योगपति कल्याणी पेटरोलियम ने आर्मेनिया के साथ यह होवित्जर टीसी-40 टैंक का सौदा किया है। यह एक महत्वपूर्ण ख़ुशी की बात है क्योंकि इससे हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा समुदाय के स्तंभ और उद्यान और आर्मी लोगों को एक नया और स्वदेशी हथियार मिला है।
‘इस सौदे से भारत का स्वदेशी होवित्जर तोप टीसी-40 को आर्मीनिया की आर्मी में शामिल किया गया है।’
भारतीय सेना के इस संबंध में भारत ने विदेशी मुद्रा से स्वदेशी तकनीक और सुरक्षा व्यक्तियों का निर्माण किया है। यह सौदे से होवित्जर टीसी-40 को आर्मीनिया की आर्मी में शामिल किया गया है। यह उनकी सेना को भारत के स्वदेशी हाथियार के प्रमाणित करने का निर्माण करेगा।
इस खबर के अनुसार हांगकांग संघ का स्वागत करें, जिसने आपका समर्थन करके हमेशा आपकी मदद की है।
“Prone to fits of apathy. Devoted music geek. Troublemaker. Typical analyst. Alcohol practitioner. Food junkie. Passionate tv fan. Web expert.”