तालिबान के प्रमुख अखुंदजादा ने हाल ही में एक संवाद में महिलाओं के खिलाफ कठोर कदम उठाने की धमकी दी है। उन्होंने महिलाओं के पत्थर मारकर हत्या करने की कसम खाई है। इसके बाद पश्चिमी लोकतंत्र के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। इसके बाद तालिबान ने घोषणा की है कि कलामी सजा के अलावा फांसी और कोड़े मारना भी शामिल है।
तालिबान के नेताओं ने मानवाधिकार की रक्षा करने का दावा भी किया है। लेकिन इसे लेकर उन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा चेतावनी दी गई है कि उन्हें अपने कठोर सार्वजनिक दंडों को बंद करना चाहिए।
अखुंदजादा ने जोरदारी से कहा है कि महिला अधिकारों की रक्षा तालिबान के इस्लामी शरिया कानून के खिलाफ है। उनके इस बयान के बाद विभिन्न संगठनों और देशों ने तालिबान की इस कदम की मान्यता नहीं की है।
इस घटना से भारत समेत विभिन्न देशों में चिंता की खातिर सभी जगह विभिन्न धर्मगुरुओं और संगठनों ने तालिबान को कड़ी सजा देने की मांग की है। भारत सरकार ने भी तालिबान की इस हरकत की कड़ी निंदा की है।
इस घटना से लोगों में बड़ा आंदोलन हो रहा है और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। इसके बावजूद तालिबान अपने फैसलों पर दृढ़ खड़े नजर आ रहे हैं।
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